10 Best Tourist Places to Visit in Mizoram
पर्यटन

आइजोल शहर और लुंगलेई की सुंदरता के साथ घूमिये मिजोरम के इन 8 जगहों में भी

भारत के आद्वितीय सेवन सिस्टर राज्यों में एक छोटा सा राज्य है मिजोरम। यह राज्य अपनी खूबसूरत हरी-भरी घाटियों और सुंदर पहाड़ी क्षेत्रों के लिए प्रसिद्ध है। यह एक छोटा सा राज्य है जो पहले के समय में केंद्र शासित प्रदेश था। सन् 1986 में इसे राज्य बना दिया गया। मिजोरम शब्द का अर्थ देखें तो इसमें मेजो का अर्थ है- पहाड़ का आदमी और राम का अर्थ है- भूमि। अर्थात् मिजोरम को 'पहाड़ों की भूमि' नाम से संबोधित किया जाता है। मिजोरम राज्य अपने विभिन्न प्रकार के जीव, अति सुंदर झरने, शानदार धान के खेत, विभिन्न प्रकार से सजे बांस के जंगल तथा खूबसूरत घाटियों की यात्रा करने के लिए जाना जाता है।

मिजोरम में अनेक प्रकार की जनजातियां निवास करती हैं। इनमें सबसे प्रमुख है मिजो जनजाति। इस जनजाति के नाम पर ही इस क्षेत्र का नाम मिजोरम रखा गया है। यहां के लोग काफी रंगीन और विशेष प्रकार की पोशाक पहनते हैं, जो पर्यटकों को बहुत सुंदर और आकर्षक लगती हैं। कहा जाता है कि यहां के लोग लगभग 300 साल पहले ही यहां आकर बसे हैं जो काफी सरल, व्यवहार कुशल एवं मेहमान नवाज लोग हैं। इनकी मुख्य भाषा मिजो है तथा यह लोग मुख्यतः ईसाई धर्म को मानते हैं। पर्यटन की दृष्टि से देखा जाए तो मिजोरम बहुत ही खूबसूरत प्रदेश है। इसमें नीले-नीले सुंदर पहाड़ों से लेकर रोलिंग हिल्स तथा झरने पाए जाते हैं। इस राज्य को 'सॉन्ग बर्ड ऑफ इंडिया' भी कहा जाता है। खूबसूरत पहाड़, झरने और प्राकृतिक दृश्य होने के कारण यह राज्य पूरे साल भर पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करता है। यहां पर ऐसी कई जगहें मशहूर हैं जहां घूम कर पर्यटकों को काफी आनंद आता है।



आइजोल (Aizawl)


आइजोल मिजोरम राज्य की राजधानी होने के साथ यहाँ के सबसे रमणीक स्थानों में से एक है। यह शानदार शहर पहाड़ियों और घाटियों में विस्तृत रूप से फैला हुआ है। आइजोल शहर की सुंदरता देखते ही बनती है। यह शहर एक बहुत ही पुरानी राजधानी के रूप में वर्णित किया जाता है। समुद्र तल से इसकी दूरी 1132 मीटर बताई गई है। इसके बीच से तलावंग नदी बहती है और उत्तर में डर्ट लैंड की चोटियां इसे खूबसूरती प्रदान करती हैं। यह शहर तेजी से विकसित होता हुआ मिजोरम का खूबसूरत पर्यटन स्थल भी है, जिसमें आसपास कई सारे ऐसे गंतव्य मौजूद हैं जो पर्यटकों के मन पर गहरी छाप छोड़ जाते हैं। इसके अलावा यह स्थान संस्कृति और सभ्यता को संरक्षित रखने में भी अपना अहम किरदार निभाता है। इसमें हर्मिंग फॉम, चालमारी तथा तमदिल लेक जैसे शानदार स्थान पर्यटकों को काफी ज्यादा लुभाते हैं।



डम्पा टाइगर रिजर्व ( Dampa Tiger Reserve)


डम्पा टाइगर रिजर्व मिजोरम का सबसे बड़ा वन्य जीव अभ्यारण है। यह टाइगर रिजर्व राजधानी आइजोल के निकट ही स्थित है जोकि बांग्लादेश की सीमा पर स्थित एजवाल से 127 किलोमीटर की दूरी पर दक्षिण की ओर अवस्थित है। इस टाइगर रिजर्व में कई सारे जीव जंतु संरक्षित किए गए हैं। इसे 1885 में अधिसूचित करके 1944 को टाइगर रिजर्व बनाया गया। इस क्षेत्र में ऐसे जीव-जंतु संरक्षित किए गए हैं जिन्हें देखने के लिए पर्यटकों की हर साल भीड़ लगी रहती है। इनमें से लीफ मंकी, भारतीय हाथी, चीता, बाघ, रिसस बंदर, हिमालय का काला भालू, ग्रेट इंडियन हॉर्नबिल, पाइथन, एमरेल्ड हिल माइना, डव, किंग कोबरा, मॉनिटर लिजर्ड, मालपार पाइड हॉर्नबिल, पीकॉक फीसेंट, पहाड़ी कछुआ, स्टंप तेल मेकान, पिगटेल मेकान, सीरो, बार्किंग बीयर, जंगली सूअर, स्लॉथ बियर, साही आदि वन्य जीव आते हैं। यदि आप ऐसे विभिन्न जीव जंतुओं को देखने के शौकीन हैं तो यहां आकर इस का लुत्फ उठा सकते हैं।



लुंगलेई (Lunglei)


मिजोरम का लुंगलेई शहर पर्यटन की दृष्टि से प्रसिद्ध पर्यटक स्थलों में से एक है। इस शहर का नाम लुंगलेई का अर्थ होता है 'चट्टानों का पुल'। यह शहर मिजोरम की राजधानी आइजोल के निकट ही स्थित है। लंग्लेई में खूबसूरत पहाड़ों की चोटियां काफी विख्यात हैं। इस वजह से यह स्थान पर्यटकों तथा  ट्रैकर्स के लिए पसंदीदा स्थलों में से एक है। देखा जाए तो इस शहर में प्रकृति के कुछ ऐसे नजारे देखने को मिलते हैं जो पर्यटकों का मन मोह लेते हैं। प्रकृति से प्रेम करने वाला इंसान तो इस जगह से हटकर कहीं जा ही नहीं सकता। इस तरह की एक शानदार और खूबसूरत जगह है लुंगलेई। यहां आकर आप प्रकृति के आनंद के साथ-साथ एक शांत वातावरण भी पाते हैं। इसलिए एक बार इस स्थान पर आपको अवश्य आना चाहिए।



चम्फाई (Champhai)


चम्फाई 1678 मीटर की ऊंचाई पर स्थित मिजोरम का बहुत ही रमणीय और खूबसूरत पहाड़ी स्थान है। यह एक ऐसा पहाड़ी गंतव्य है जहां से म्यांमार की खूबसूरत पहाड़ियां और अद्भुत अविश्वसनीय प्राकृतिक दृश्यों को देखने का सुंदर अवसर मिलता है। यहां बड़े-बड़े समतल मैदान भी पाए जाते हैं। यहां की प्राकृतिक छटा हर व्यक्ति को अपने काबू में कर लेती है। पर्यटन की दृष्टि से यह स्थान किसी जन्नत से कम नहीं है। यहां पर फलों के बड़े-बड़े बागानों की सैर भी की जा सकती है। इस वजह से यह मिजोरम का अधिक से अधिक फलों का उत्पादन करने वाला स्थान है। इसे 'मिजोरम का फलों का कटोरा' नाम से भी संबोधित किया जाता है। 

ऐतिहासिक दृष्टि से देखा जाए तो यह स्थान मिजोरम के लिए एक अलग ही छवि रखता है। यहां पर मिजोरम के कई प्राचीन धरोहरों और साक्ष्यों को देखा जा सकता है, जिसमें कुम्भरवी नाम की एक गुफा काफी प्रसिद्ध है। यह बहुत ही पुरानी और आकर्षक गुफा है। इसके अलावा यहां पर लेंगटेन्ग हिल्स, मुरलेन नेशनल पार्क, रिह दिल झील, लेंगटेन्ग वन्यजीव अभयारण्य आदि ऐसे प्रसिद्ध स्थान हैं जिन्हें देखने के लिए दूर-दूर से पर्यटक यहां आते हैं। यदि आप मिजोरम  जाकर नदी, झील, गुफा आदि प्रकृति के उपहार देखना चाहते हैं तो इस जगह पर घूमने अवश्य जायें।



रेइक हिल्स (Reiek Hills)


रेइक हिल्स को मिजोरम की सबसे ऊंची पहाड़ियों में गिना जाता है। यह पहाड़ियां आईजोल से लगभग 30 किलोमीटर की दूरी पर स्थित हैं। इन ऊंची-ऊंची पहाड़ियों पर जाकर शांत वातावरण और सुंदर प्राकृतिक दृश्य को देखकर पर्यटकों को शानदार अनुभव होता है। इस स्थान पर आकर पर्यटक भारी संख्या में कुछ समय भीड़-भाड़ से दूर शांति में व्यतीत करते हैं। यह स्थान मिजोरम के रमणीक स्थानों में से एक है। इन पहाड़ियों पर आकर पर्यटकों की एक आदर्श स्थान मिल जाता है। जहां वे शांत वातावरण में मन की शांति प्राप्त कर सकते हैं।



फावनगपुई  (Phawngpui)


फावनगपुई मिजोरम में नीली पहाड़ी नाम से भी संबोधित किए जाते हैं। फावनगपुई की चोटी मिजोरम राज्य के छिम्टुइपुई जिले में है। इसकी ऊंचाई लगभग 2157 मीटर बताई जाती है। माना जाता है कि यह नीली पहाड़ियां देवताओं का घर हैं। इन पहाड़ियों पर खूबसूरत आर्किड और रोडो डेंड्राॅन के पेड़ हैं। इसके शीर्ष पर देखा जाए तो बांस के कई सारे पेड़ स्थित हैं। यहां पर एक समतल मैदान भी उपस्थित है जो करीब 200 हेक्टेयर की भूमि को प्रदर्शित करता है। इस तरह से देखा जाए तो यह स्थान ऊंची-ऊंची पहाड़ियों, बड़ी-बड़ी समुद्री घाटियों और सुंदर प्राकृतिक दृश्यों से भरपूर एक खूबसूरत स्थल है जो अपने चारों ओर कई सारी वनस्पतियां और जीव-जंतुओं को संरक्षित किए हुए है। इस स्थान के खूबसूरत बड़े-बड़े पेड़ों और कई रंगों के फूलों के होने से बहुत ही सुंदर दिखाई देता है। धुंधली-धुंधली नीली पहाड़ियों का दृश्य यहां की खूबसूरती पर चार चांद लगा देते हैं। कहा जाता है कि इस स्थान पर हर रोज नए-नए भिन्न प्रकार के दृश्य नजर आते हैं जो पर्यटकों के लिए काफी चर्चा के विषय होते हैं। यदि आप भी ऐसे खूबसूरत प्राकृतिक वातावरण को अपनी आंखों से देखना चाहते हैं तो इस स्थान पर आकर आनंद ले सकते हैं।



सेरछिप (Serchhip)


मिजोरम के प्रसिद्ध पर्यटक स्थलों में से एक सेरछिप पर्यटन के लिए एक विशेष स्थान समझा जाता है। यह स्थान मट तथा तुइकम नदी के बीचों बीच अवस्थित है। यदि आप मिजोरम के बारे में गहराई से जानना चाहते हैं तो यहां के कई सारे गांव में घूमने के बाद आपको मिजोरम से संबंधित कई सारी जानकारियां मिल जाती हैं। यह क्षेत्र अपने ऊंचे जलप्रपात तथा पहाड़ी सुंदरता और शानदार नजारों के लिए काफी विख्यात है। आठवीं सबसे ऊंची पहाड़ी मिजोरम की इसी क्षेत्र में स्थित है। मिजोरम राज्य का यह जिला म्यांमार से अपनी सीमा को साझा करता है।  भ्रमण के दौरान पर्यटक इस क्षेत्र से कई सारे उत्पादों जैसे कि साज सज्जा का सामान, हथकरघे के उत्पाद आदि को खरीद सकते हैं। यहां के प्रमुख भ्रमण स्थल चिंगपुई थलन, झोली हरियातेरेना लंग, वान्टावंग जलप्रपात आदि हैं। अतः यह घूमने लायक एक अति सुंदर स्थान है जो काफी पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करता है।



कोलासिब (Kolasib)


मिजोरम के विभिन्न जिलों में से सबसे छोटा जिला कोलासिब है। यह जिला मिजोरम में नया बना है तथा असम की सीमा से लगा हुआ है। मिजोरम में स्थित ज्यादातर जिलों के जैसा ही कोलासिब अपनी विविध संस्कृति और प्राकृतिक समृद्ध सौंदर्य के लिए प्रसिद्ध है। यह क्षेत्र मिजोरम के उत्तरी छोर पर स्थित है जो कि आइजोल से लगभग 17 किलोमीटर दूर है। यह स्थान नदी के किनारे स्थित तथा जंगलों के लिए विख्यात है। यहां पर दर्शनीय स्थलों को देखा जा सकता है। इसके अलावा यहां बहने वाली तलावंग नदी में नौका विहार भी किया जा सकता है। यह क्षेत्र अपनी प्राकृतिक खूबसूरती और सांस्कृतिक स्थलों से पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करता है और पर्यटक इसकी ओर खींचे चले आते हैं।



वनटांग फाल्स (Vontang Falls)


मिजोरम के प्रसिद्ध पर्यटन स्थलों में शामिल वांतवंग फॉल्स मिजोरम राज्य के सबसे ऊंचे वॉटरफॉल्स में गिना जाता है। यह भारत के सबसे ऊंचे झरनों की सूची में 13वें स्थान पर आता है जो आइजोल से लगभग 140 किलोमीटर की दूरी पर है। अपने खूबसूरत घाटियों और घने जंगलों के बीच स्थित स्थान से इतने ऊंचे झरने को देखना किसी विशेष आकर्षण की तरह है। यह शानदार दृश्य संभवत हर पर्यटक को अवश्य ही एक अविस्मरणीय अनुभव प्रदान करता है। इस अलग ही प्रकार के आनंद से अभिभूत होकर पर्यटक काफी प्रसन्न होते हैं तथा इस जगह पर आने का भरसक प्रयास करते हैं। यदि आप भी इस प्रकार के प्राकृतिक दृश्यों का आनंद लेना चाहते हैं तो इस स्थान पर जा सकते हैं।



ममित (Mamit)


ममित मिजोरम का एक महत्वपूर्ण जिला है जो सभी जिलों में से चौथे स्थान का सबसे बड़ा जिला माना जाता है। यह स्थान जितना बड़ा है उतना ही भव्य और विभिन्न आकर्षणों के लिए प्रसिद्ध है। इसके अलावा यह क्षेत्र असम तथा त्रिपुरा से भी अपनी सीमाएं साझा करता है। यदि आप भी मिजोरम की मेहमान नवाजी का लुत्फ उठाना चाहते हैं तो इस राज्य का ममित जिला इसके लिए पूरे देश-दुनिया में विख्यात है। अतः यहां आकर आप बेहतरीन मेहमान नवाजी का आनंद ले सकते हैं।



इन सब के अलावा मिजोरम में कई तरह के त्यौहार विभिन्न प्रकार की जनजातियों द्वारा बनाए जाते हैं। इनमें चापचर कुट त्यौहार, एंथुरियम फेस्टिवल (तीन दिन रेइक हिल्स पर) प्रमुख रूप से शामिल हैं।


मिजोरम का प्रसिद्ध स्थानीय भोजन (Famous Food of Mizoram)


मिजोरम राज्य यहां होने वाली चावल की खेती के लिए पूरे देश में विख्यात है। यहां पर पत्तों में भोजन किया जाता है तथा सरसों के तेल में ही भोजन पकाया जाता है। यहां के लोग चावल के अलावा मांस, मछलियां तथा सब्जियां अधिक मात्रा में खाते हैं। प्रसिद्ध भोग के लिए यहां पर मीसा मच गरीब, अरसा बुचकर, कोठा पीठा, पूअर मच और नाडी मुख्य रूप से बनाए जाते हैं। मिजोरम आकर पर्यटक इस प्रकार के खाने का स्वाद जरूर चख सकते हैं।


कैसे पहुंचे


मिजोरम की यात्रा के लिए आप परिवहन के किसी भी साधन का प्रयोग कर सकते हैं। इन सभी साधनों से यहां पहुंचना आसान हो जाता है।

हवाई मार्ग- यदि आप हवाई मार्ग से मिजोरम यात्रा पर जाना चाहते हैं तो यहां के प्रमुख हवाई अड्डे के जरिए सरलता से पहुंचा जा सकता है। यह मुख्य हवाई अड्डा आइजोल में है जो कि मिजोरम की राजधानी है। विभिन्न शहर जैसे गुवाहाटी और कोलकाता से यह हवाई मार्ग भली-भांति जुड़ा हुआ है।

ट्रेन- यदि आप ट्रेन के माध्यम से मिजोरम की यात्रा पर जाना चाहते हैं तो यहां के प्रमुख रेलवे स्टेशन से यह यात्रा की जा सकती है। यह रेलवे स्टेशन कोलासिब जिले के बैज शहर में स्थित है। इसके जरिए आसानी से मिजोरम पहुंचा जा सकता है। 

सड़क मार्ग- यदि आप सड़क मार्ग से मिजोरम जाना चाहते हैं तो आसानी से जा सकते हैं। मिजोरम पर्यटन स्थल नेशनल हाईवे पर ही अवस्थित है। यह मार्ग गुवाहाटी, सिलचर तथा शिलांग से आसानी से जुड़ा हुआ है। नियमित चलने वाली बसें मिजोरम की सड़क मार्ग के माध्यम से सभी शहरों से जुड़ी हुई हैं।

Trending Products (ट्रेंडिंग प्रोडक्ट्स)