पुस्तक समीक्षा

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संजीव द्वारा रचित उपन्यास प्रत्यंचा जाति प्रथा के खिलाप एक रण है


एक ऐसा उपन्यास जिसमें मराठा राज्य के राजा जाति प्रथा के खिलाफ लड़ाई को लड़ते हैं। उपन्यास "प्रत्यंचा" महाराष्ट्र के छत्रपति शाहूजी महाराज की जाति प्रथा के खिलाफ लड़ाई की अद्भुत कहानी को बताता है। और पढ़ें

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पुस्तक समीक्षा : सफर संघर्षों का


"मां" एक ऐसी रचना है उस परमात्मा की, जिसका स्थान कभी कोई भी नहीं ले सकता। भारतीय समाज में मां के स्थान को ऊंचा दर्जा दिया गया है। "सफर संघर्षों का" कृत्य में कवि ने मां के संघर्ष की व्यथा को बड़े ही मार्मिक व शाब्दिक ढंग से अपनी भावना में पेश किया है। और पढ़ें

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नीहार से लेकर सांध्यगीत तक का सजीव वर्णन - यामा काव्य संग्रह


महादेवी वर्मा के नाम से सभी परिचित होंगे। वे हिंदी भाषा की सुप्रसिद्ध कवयित्रियों में से एक हैं। महादेवी वर्मा जी छायावाद के प्रमुख कवियों में से एक प्रमुख स्तंभ मानी जाती हैं। सुमित्रानंदन पंत, जयशंकर प्रसाद, सूर्यकांत त्रिपाठी निराला और महादेवी वर्मा चार स्तंभों में शामिल हैं। और पढ़ें

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जलियांवाला बाग हत्याकांड पर सुभद्रा कुमारी चौहान द्वारा एक कविता


सुभद्रा कुमारी चौहान एक कवियत्री होने के साथ-साथ स्वतंत्रता सेनानी भी रही हैं। 16 अगस्त 1904 को प्रयागराज में जन्मीं सुभद्रा कुमारी चौहान ने गांधीजी के असहयोग आंदोलन में भी बढ़-चढ़कर भाग लिया जिसके चलते उन्हें अनेक बार जेल भी जाना पड़ा। और पढ़ें