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एजुकेशन

बिगड़ा भारतीय शिक्षा प्रणाली का संतुलन

कोविड-19 महामारी के चलते देश पिछले कुछ महीनों से लॉकडाउन के दौर से गुज़र रहा था। देश की आर्थिक स्थिति को मद्देनज़र रखते हुए जून के महीने में भारत सरकार ने ज़रूरी गतिविधियों और सीमित समय में आर्थिक गतिविधियों को पुनः आरंभ करने की अनुमति दे दी थी। परंतु कोविड-19 के केसों में दिन प्रतिदि बढ़ोतरी को देखते हुए सरकार ने देश के अधिकतर सार्वजनिक स्थानों पर जाने से प्रतिबंध लगाया हुआ है। इसीलिए देश के भविष्य यानि विद्यार्थिओं के स्वास्थ्य को ध्यान में रखते देश के सभी शैक्षिक संस्थानों को अभी बंद रखने का फ़ैसला लिया गया। मौजूदा स्थिति को देखते हुए भारत सरकार और देश के प्रमुख शिक्षाविद मिलकर वर्तमान शिक्षा प्रणाली में बदलाव लाने का निरंतर प्रयास कर रहे हैं।


CBSE बोर्ड ने जारी की अधिसूचना

इस स्थिति को देखते हुए भारत के प्रमुख स्कूली शिक्षा बोर्ड, केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) के द्वारा शैक्षणिक वर्ष 2020-21 के लिए कई कक्षाओं के लिएसंशोधित पाठ्यक्रम जारी किया है। संशोधित पाठ्यक्रम के अनुसार CBSE ने 9वीं से लेकर 12वीं तक के विद्यार्थिओं के पाठ्यक्रम में 30 फीसदी कटौती की घोषणा की है। पाठ्यक्रम में संशोधन की जानकारी मानव संसाधन एवं विकास मंत्री रमेश पोखरियाल "निशंक" द्वारा ट्वीट के माध्यम से दी गई। इस फ़ैसले को लेकर CBSE द्वारा आधिकारिक अधिसूचना भी जारी कर दी गयी है। CBSE का कहना है कि पाठ्यक्रम में से मूल अवधारणा वाले विषयों की कटौती नहीं की जाएगी, ताकि विद्यार्थियों के अधिगम पर इस कटौती का कोई बुरा प्रभाव ना पड़े।


फैसला लेने के कारण

CBSE द्वारा यह फ़ैसला कोविड-19 के कारण शिक्षण समय में हुए अभाव को ध्यान में रखते हुए लिया गया है। देशव्यापी लॉकडाउन के चलते देश भर के विद्यालय पिछले कुछ महीनों से बंद हैं। हालाँकि देश के अधिकतर शैक्षिक संस्थान अपनी शिक्षा प्रणाली का रुख ऑनलाइन शिक्षा में ढालने के प्रयासों में जुटे हैं। केंद्रीय मानव संसाधन एवं विकास मंत्री डॉ. रमेश पोखरियाल "निशंक" का कहना है कि यह फैसला शिक्षाविदों की तरफ से आ रहे सुझावों को ध्यान में रखते हुए लिया गया है। आप CBSE की आधिकारिक वेबसाइट www.cbse.nic.in पर जाकर संशोधित पाठ्यक्रम देख सकते हैं।

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