Firoz Alam's Journey from Delhi Police Constable to Officer
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फिरोज आलम - दिल्ली पुलिस कांस्टेबल से IPS बनने तक का सफर

यूपीएससी की परीक्षा पास करने वाले दिल्ली पुलिस के पुलिस कांस्टेबल फिरोज आलम आईपीएस बन चुके हैं 10 साल की कड़ी मेहनत और संघर्ष के बाद उन्होंने यह मुकाम हासिल किया है आइए जानते हैं फिरोज आलम के कांस्टेबल से आईपीएस बनने तक के संघर्ष और सफलता की कहानी-


दसवीं में सेकंड, 11 में फेल ,12वीं में किसी तरह 58% अंकों के साथ पास होने वाली फिरोज का जन्म उत्तर प्रदेश के हापुड़ जिले, पिनखुला के  गांव आजमपुर में हुआ था। 8 भाई- बहनों में आलम सातवें नंबर पर थे इनके पिता का नाम मोहम्मद शहादत जो कबाड़ी का काम करते थे।


बचपन से देखा करते थे पुलिस की वर्दी पहनने का सपना


बचपन से ही फिरोज को पुलिस की वर्दी से बेहद प्रेम था सोचा करते थे कि एक दिन की पुलिस की इस वर्दी को अवश्य पहनेंगे बस क्या था 12वीं पास करने के बाद वे तैयारी में जुट गये और उनका सिलेक्शन दिल्ली पुलिस कांस्टेबल में हो गया। दिल्ली पुलिस में अपनी सेवा देने के साथ-साथ उन्होंने स्नातक और स्नातकोत्तर परीक्षाएं भी उत्तीर्ण की।


कैसे आया यूपीएससी का ख्याल


जब फिरोज आलम दिल्ली पुलिस की सेवा में कार्यरत थे तो अफसरों का आना -जाना उनके तौर-तरीके और रूआब को देखकर वे बेहद प्रभावित हुए। फिरोज बताते हैं कि उन्होंने अफसर बनने की ठान ली उनके दिल दिमाग में अफसर बनने का जुनून सवार था और वे तैयारी में जुट गये।


यूपीएससी के लिए संघर्ष


यूपीएससी का सफर फिरोज के लिए आसान नहीं था समाज सेवा और अपनी मनचाही मंजिल को पाने के लिए फिरोज ने इस परीक्षा को पास करने के लिए 6 बार प्रयास किया। अपने पहले दो प्रयासों में वे यूपीएससी की प्रारंभिक परीक्षा भी पास नहीं कर पाए। इसके बाद फिर उन्होंने तीन बार प्रारंभिक परीक्षा पास तो की लेकिन, अगले पड़ाव पर असफल रहे। संघर्ष जारी रहा, इसी बीच राजस्थान के देवीपुरा गांव के कांस्टेबल विजय सिंह गुजर यूपीएससी की परीक्षा पास कर कैडर में पहुंचते हैं जो फिरोज के लिए नई ऊर्जा और नई उम्मीद की किरण थी उनकी उम्मीद एक बार फिर से जाग पड़ी और अंततः 2019 में सारी बाधाओं को पार कर वे अपनी मंजिल को पाने में सफल हो गये।


सितारों वाली वर्दी पहनने के बाद फिरोज ने क्या कहा


31 मई 2021 को फिरोज का दिल्ली कॉन्स्टेबल में आखिरी दिन था अगले दिन उनके कंधों पर सितारे लगे और सितारे वाली वर्दी के साथ एसीपी के तौर पर वे दिल्ली पुलिस में दोबारा शामिल हुए। फिरोज कहते हैं कि एसीपी  बनने के बाद यह उनके लिए काफी फक्र की बात है कि उनके जो साथी कॉन्स्टेबल थे वे उन्हें अब "सर" बुला रहे थे और जिन्हें वे 10 सालों से "सर" बुलाया करते थे अब वे उनके समकक्ष खड़े थे।


कर रहे हैं अन्य कॉन्स्टेबल की मदद


यूपीएससी की परीक्षा को पास करने के बाद फिरोज आलम अब अपने महकमे अन्य कॉन्स्टेबल की मदद का कार्य भी कर रहे हैं। "दिल्ली पुलिस यूपीएससी फैमिली" के नाम से उन्होंने एक व्हाट्सएप ग्रुप बनाया है जिसके 58 कॉन्स्टेबल सदस्य हैं जो यूपीएससी की तैयारी में जुटे हैं फिरोज का कहना है कि इनमें से कुछ कांस्टेबल प्रारंभिक परीक्षा पास कर चुके हैं और कुछ कॉन्स्टेबल तैयारी कर रहे हैं। किसी भी प्रकार के नोट्स, सलाह आदि सामग्री प्रदान करने में फिरोज उनकी मदद करते हैं।


प्रेरणादायी प्रसंग


बड़ी विनम्रता के साथ अपने शैक्षिक रिजल्ट को बताते हुए फिरोज ने अपने वक्तव्य इस प्रकार दिए-


यूपीएससी एक धैर्य और आत्मविश्वास की परीक्षा है। असफलता से घबराएं नहीं, लगातार प्रयासरत रहे, भरोसा रखें, यदि मेरे जैसा साधारण व्यक्ति यूपीएससी की परीक्षा को पास कर सकता है तो किसी के लिए भी इसे पाना मुश्किल नहीं है।

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