How to Protect Yourself from Online  Banking Fraud
एजुकेशन

अगर बचना चाहते हैं धोखाधड़ी से, तो ऐसे करें सुरक्षित ऑनलाइन ट्रांजैक्शन

अननोन नंबर से आपको फोन आता है, आपसे वह  CVV और OTP मांग रहा है, आपने तुरंत इन नंबरों की जानकारी कॉलिंग पर मौजूद उस व्यक्ति को दे दिया। सेकंड भर में आपकी जीवन भर की पूंजी उस फ्रॉड व्यक्ति के हाथों में चली जाएगी। कुछ इस प्रकार की सुरक्षा का रखना होगा विशेष ध्यान।


आज दुनिया डिजिटल क्षेत्र की ओर अधिक बढ़ रही है। सभी कामों की तरह पैसों का लेन-देन भी ऑनलाइन माध्यम से किया जा रहा है। वर्ष 2016 में हुई नोटबंदी से देश में नकदी की किल्लत बढ़ गई थी जिसको देखते हुए भारत सरकार ने डिजिटल लेन-देन को बढ़ावा देना शुरू किया था। इसी उद्देश्य के तहत देश में "डिजिटल इंडिया" की मुहिम व योजना की शुरुआत की गई थी। आज देश में ऑनलाइन ट्रांजैक्शन का दायरा काफी बढ़ चुका है इसी का फायदा उठाते हुए साइबर अटैकर और हैकर्स पल भर में किसी व्यक्ति के जीवन भर की कमाई हुई पूंजी पर हाथ साफ कर सकते हैं। एक फोन कॉल के माध्यम से उनके द्वारा अकाउंट या एटीएम कार्ड से संबंधित नंबर को पूछना या ओटीपी की जानकारी आपके द्वारा देना, आपके वर्षों भर की कमाई पर पानी फेर सकता है।


सुरक्षा एजेंसियों की एक रिपोर्ट के मुताबिक, हर महीने सिर्फ ई-वॉलेट प्लेटफार्म से ही 10,000 से अधिक धोखाधड़ी के मामले सामने आए हैं, जबकि नोटबंदी  से पहले ऐसे मामले सिर्फ 4,000 के आसपास ही सामने आए थे।‌ इंडियन कंप्यूटर एमरजैंसी रिस्पांस टीम के मुताबिक, पिछले तीन सालों में साइबर हमलों की 1,44,500 घटनाएं सामने आई हैं। साइबर विशेषज्ञ पवन दुग्गल का कहना है कि ऑनलाइन ट्रांजैक्शन में फ्रॉड के मामलों में तेजी देखने को मिली है, ग्राहकों को काफी सावधानी बरतने की जरूरत है। इसी के साथ उन्होंने आगे कहा कि बहुत संभावना इस बात की भी है कि आपकी पूरी जानकारी धोखेबाजों के पास पहले से ही मौजूद हो,ऐसे में आपकी एक छोटी सी गलती (OTP बताना) आपके जीवन भर की पूंजी को उड़ा ले सकती है। ऐसे में एक जागरूक नागरिक बनकर आपको सचेत रहने की जरूरत है। साइबर अटैक से बचने के लिए आप इन बातों का विशेष ध्यान रखें।


किसी भी बदलाव को करे बैंक में अपडेट 


अकाउंट से संबंधित किसी भी एक्टिविटी का अलर्ट मैसेज के रूप में आपको मिलना जरूरी है जिससे अकाउंट ट्रांजैक्शन संबंधित सूचनाएं आप तक पहुंचती रहे। यदि कभी आप मोबाइल नंबर या एड्रेस नंबर बदलते हो तो इसकी जानकारी बैंक को जरूर दें, बैंक या क्रेडिट कार्ड‌ जारी करने वाली संस्था को अपनी जानकारी देना आवश्यक है जिससे किसी भी प्रकार की सूचना आप तक भेजी जा सके। मोबाइल बैंकिंग के द्वारा एक्टिव रहे और अपने हर एक ट्रांजैक्शन पर नजर रखें।


सेफ नेटवर्क से ही अकाउंट एक्सेस करें 


साइबर कैफे या फ्री वाई-फाई के इंटरनेट से बैंकिंग ऑनलाइन ट्रांजैक्शन ना करें, इससे आपका अकाउंट हैक हो सकता है। ट्रांजैक्शन से पहले यह निश्चित कर लें कि आपका इंटरनेट कनेक्शन पासवर्ड से सुरक्षित हो, ज्यादातर ऑनलाइन बैंकिंग ऑफिस या घर से एक्सेस करें।


हर महीने पासवर्ड में बदलाव करें और कठिन पासवर्ड रखें 


फाइनेंशली ट्रांजैक्शन के लिए पासवर्ड को नार्मल ना रखें, सिर्फ अपनी डेट ऑफ बर्थ, नाम या मोबाइल नंबर को पासवर्ड के रूप में रखने से बचें। पासवर्ड को अंक, अक्षर और सिंबल के साथ मिक्स करके रखें, हर महीने पासवर्ड में बदलाव जरूर करें। किसी भी विदेशी साइट या अन्य साइट पर सीधा लॉगिन ना करें और ना ही ऐसी किसी शॉपिंग साइट पर पेमेंट करें। इलेक्ट्रॉनिक बैंक ट्रांसफर के जरिए पेमेंट से सुरक्षित रहें क्योंकि बैंक से पैसा निकलने के बाद उसे वापस पाना बहुत मुश्किल हो जाता है।


फिशिंग से रहे सावधान 


ऐसी ईमेल जो आपको ट्रैप करने के लिए भेजी जाती है वह फिशिंग ईमेल कहलाती है। यह ईमेल किसी शॉपिंग वेबसाइट, बड़े कारोबारी संस्थान या कभी-कभी बैंक जैसी लगती है जो आपकी व्यक्तिगत जानकारी मांगने की कोशिश करती है। ऐसे लिंक पर जब आप लॉगइन करते हैं तो आपकी पर्सनल डिटेल्स चोरी की जा सकती है इसलिए अननोन ईमेल पर सीधा लॉगिन ना करें।


वेबसाइट एड्रेस चेक करें 


ऑनलाइन ट्रांजैक्शन करते वक्त साइट के सुरक्षित होने का संकेत भी देख लें, जैसे कि ब्राउज़र स्टेटस वार पर लॉक आइकॉन या 'https' यूआरएल, जहां 'एस' उसके सुरक्षित होने की पहचान है।


कार्ड की डिटेल किसी भी साइट पर सेव ना करें 


कई बार लोग शॉपिंग करते वक्त बार-बार कार्ड नंबर एंटर करने की परेशानी से बचने के लिए अपना कार्ड नंबर और एक्सपाइरी या अन्य जानकारी साइट पर सेव कर लेते हैं। इस प्रकार से कार्ड डिटेल सेव करना आपको बहुत महंगा पड़ सकता है जो कि आपकी फाइनेंसियल शेफ्टी के लिए मुसीबत खड़ी कर सकता है।

Trending Products (ट्रेंडिंग प्रोडक्ट्स)