Interesting Facts About Acharya Chanakya
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आचार्य चाणक्य की कुछ रोचक बातें, जिनसे होंगे आप भी अपरिचित | Interesting Facts About Acharya Chanakya

भारत का इतिहास प्राचीन काल से ही काफी रोचक व विविध रहा, जहां अनेक वंश के राजाओं ने शासन किया। लगभग सभी राजा अपने शासन को चलाने के लिए आर्थिक व राजनीतिक सलाहकारों को नियुक्त किया करते थे जो कि आज भी प्रचलित है। जब भी राजा को किसी विषय पर निर्णय या आदेश जारी करना होता है तो वे अपने उस सलाहकार से सुझाव जरूर लेते थे। ऐसे ही सलाहकार और महामंत्री के रूप में प्राचीन भारत के सबसे तीव्र बुद्धि और कुशल नीति वाले चाणक्य को आज भी याद किया जाता है। किसी कठिन परिस्थिति से निकलना हो या चुनाव में बुद्धि लगानी हो तो आज भी हम "चाणक्य नीति" शब्द का इस्तेमाल करते हैं। 

चाणक्य तक्षशिला विश्वविद्यालय के प्रोफेसर व अर्थशास्त्र पुस्तक के लेखक थे। भारत में चल रहे नंद वंश को खत्म करके उन्होंने मौर्य वंश के चंद्रगुप्त मौर्य को राजा नियुक्त किया। अपनी तीव्र बुद्धिमता के कारण ही उन्होंने मौर्य साम्राज्य का विस्तार किया। चाणक्य पहले चंद्रगुप्त मौर्य व बाद में चंद्रगुप्त मौर्य के उत्तराधिकारी बिंदुसार के भी राजनीतिक व आर्थिक सलाहकार रहे। प्रसिद्ध अर्थशास्त्र पुस्तक इन्हीं के द्वारा लिखी गई जिसमें उन्होंने चाणक्य नीति के जरिए अपने विचारों को व्यक्त किया। ये एक ब्राह्मण थे जिन्होंने तक्षशिला विश्वविद्यालय से शिक्षा ग्रहण की और बाद में उसी विश्वविद्यालय के आचार्य भी बने। एक कुशल शासक के वे सभी गुण इनमें थे जो कि एक शासक के गुण होते हैं।


आज हम आपसे चाणक्य से जुड़े कुछ रोचक बातों से चर्चा करेंगे (Interesting Facts About Acharya Chanakya) 


  • आचार्य चाणक्य का जन्म 375 ईसा पूर्व को पाटलिपुत्र के एक ब्राह्मण परिवार में हुआ, इनकी माता का नाम कानेश्वरी व पिता कानीन थे।
  • तीव्र बुद्धिमता के कारण ही चाणक्य द्वारा मौर्य साम्राज्य का विस्तारण किया गया।
  • "किसी भी राज्य का अपना एक संविधान होना चाहिए" ऐसा कहने वाले चाणक्य ही पहले व्यक्ति थे।


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  • अपने भोजन में कुछ मात्रा जहर मिलाकर खाने वाले चाणक्य शत्रु के किसी भी जहरीले वार को झेलने की ताकत रखते थे।
  • प्राचीन काल में सबसे विद्वान और ज्ञानी व्यक्ति थे।
  • आज की वर्तमान की सभी नीति 'चाणक्य नीति' पर ही आधारित होती हैं।
  • नंद वंश के राजा घनानंद द्वारा उन्हें अपमानित किया गया, जिस कारण चाणक्य ने नंद साम्राज्य के संपूर्ण विनाश की प्रतिज्ञा ली।
  • नंद साम्राज्य का नाश करके ही उन्होंने मौर्य साम्राज्य की स्थापना की।
  • वर्तमान में तक्षशिला विश्वविद्यालय पाकिस्तान के रावलपिंडी जिले में स्थित है।
  • चाणक्य की मृत्यु 283 ईसा पूर्व में हुई। इनकी मृत्यु को लेकर कई कहानियां प्रचलित हैं।
  • कुछ लोगों का कहना है कि संन्यास लेने के बाद वे जंगल में चले गए और वहां उनकी मृत्यु हो गई।
  • कुछ कहानियों में ऐसा माना जाता है कि बिंदुसार के दरबार में किसी से आपसी मतभेद होने के कारण उनकी मृत्यु हुई।

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