Savitribai Phule First Female teacher
एजुकेशन

भारत की प्रथम महिला शिक्षिका सावित्रीबाई फुले की साहसिक यात्रा

आज सावित्रीबाई फुले की पुण्यतिथि है। वह एक भारतीय समाज सुधारक, शिक्षाविद् और कवि थीं। 10 मार्च 1897 को ब्यूबोनिक प्लेग फैलने के कारण उनकी मृत्यु हो गई।


उनका जन्म 3 जनवरी 1831 को महाराष्ट्र के सतारा जिले के नायगांव गांव में हुआ था। उनकी शादी 9 या 10 साल की उम्र में ज्योतिराव फुले से हो जाती है। उनकी खुद की कोई संतान नहीं थी। उन्होंने यशवंत नाम के एक बच्चे को गोद लिया था।


विवाह के समय सावित्रीबाई फुले अनपढ़ थीं। उनके पति ने सावित्रीबाई फुले और उनकी चचेरी बहन को शिक्षित किया। सावित्रीबाई ने अपनी प्राथमिक शिक्षा पूरी की आगे की शिक्षा उनके दो दोस्तों की जिम्मेदारी थी। सावित्रीबाई ने खुद को दो शिक्षक प्रशिक्षण में नामांकित किया। पहला अहमदनगर में था और दूसरा पुणे में था।


सावित्रीबाई फुले ने शिक्षक की शिक्षा पूरी की और फिर पुणे के महारवाड़ा में लड़कियों को पढ़ाना शुरू किया। 1851 के अंत तक, सावित्रीबाई फुले और ज्योतिराव फुले दोनों पुणे में तीन अलग-अलग स्कूल चला रहे थे। 1850 के दशक में सावित्रीबाई और ज्योतिराव फुले ने दो शैक्षिक ट्रस्टों की स्थापना की।


वह एक कवयित्री और लेखिका भी थीं। उन्होंने 1854 में काव्य फुले और 1892 में भवन काशी सुबोध रत्नाकर प्रकाशित किया। उन्होंने गो गेट एजुकेशन नामक कविता भी लिखी।



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