Online Payment System to be Launched by Facebook and Google
टेक ज्ञान

Facebook और Google भी होंगे अब ऑनलाइन पेमेंट सिस्टम में शामिल, UPI को मिलेगी चुनौती

Online payment की सुविधा देने के लिए रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड (RIL) ने NUE की स्थापना के लिए गूगल और फेसबुक के साथ पार्टनरशिप कर ली है। न्यू अंब्रेला एंटिटी (NEU) की स्थापना करके कंपनी सीधा यूनिफाइड पेमेंट इंटरफ़ेस (UPI) को चुनौती देने जा रही है जिससे कंपनी, डिजिटल पेमेंट नेटवर्क बनाकर ऑनलाइन पेमेंट में हिस्सा प्राप्त कर सकेगी। NUE को रिलायंस इंडस्ट्रीज और इंफीबीम एवेन्यूज लिमिटेड की सहायक कंपनी सो हम भारत द्वारा संयुक्त रूप से प्रमोट किया जाएगा। आपको बता दें कि 2020 में आरबीआई ने यूपीआई के मुकाबले के लिए NUE के तहत न्यू डिजिटल पेमेंट नेटवर्क विकसित करने के लिए कंपनियों को आमंत्रित किया था। अब यहां पर ध्यान देने वाली बात यह होगी कि NPCI के होते हुए भी NUE की जरूरत आरबीआई को आखिर क्यों पड़ी।


क्या है वर्तमान स्थिति :


देश में आज जितने भी ऑनलाइन पेमेंट किए जाते हैं वे सभी एनपीसीआई के जरिए ही किए जाते हैं, यूपीआई को एनपीसीआई ही नियंत्रित करता है। वर्तमान में कई डिजिटल प्लेटफॉर्म के जरिए ऑनलाइन पेमेंट किए जाते हैं और उन सभी में यूपीआई का सपोर्ट है। आज दिन-प्रतिदिन डिजिटल भुगतान का दायरा बढ़ता जा रहा है जिससे सरकार और आरबीआई को यह लगने लगा कि अकेले एनपीसीआई डिजिटल पेमेंट की बढ़ती संख्या को कंट्रोल नहीं कर पाएगा, जिस कारण न्यू अंब्रेला एंटिटी(NUE) की स्थापना की जाएगी जिससे एनपीसीआई से सीधा मुकाबला एनयूई का होगा।


RBI की न्यू अंब्रेला एंटिटी से चाहत :


आरबीआई चाहता है कि कैस लेनदेन खत्म हो और एनयूई के जरिए नई कंपनियों को डिजिटल पेमेंट सिस्टम में शामिल किया जाए। सभी पेमेंट्स को डिजिटल पेमेंट सिस्टम के जरिए पूरी तरीके से ट्रांसपेरेंट करके टैक्स चोरी पर भी नजर रखी जा सकेगी। NUE की स्थापना का सीधा उद्देश्य पूरे देश को 'कैशलेस' बनाना है।


न्यू अंब्रेला एंटिटी की आवेदन तारीख :


RBI ने NUE के लिए एप्लीकेशन भरने की अंतिम तारीख 26 फरवरी 2021 को नियत की थी जिसे अब एक्सटेंड करके 31 मार्च 2021 तक कर दिया गया है। कोविड-19 के कारण हुई हानि और अव्यवस्थाओं के चलते अवधि को बढ़ाने के लिए भारतीय बैंक संघ सहित विभिन्न हित धारकों से अनुरोध प्राप्त हुए हैं जिस कारण अब अंतिम आवेदन तिथि 31 मार्च 2021 तक तय कर दी गई है।


छह भागों में होगा NUE :


RBI की गाइडलाइंस के मुताबिक NUE को छ: भागों में बांटा गया है। 

- पहले भाग में एटीएम, पीओएस, रिटेल स्टोर और आधार आधारित पेमेंट को मैनेज करना होगा। किसी भी प्रकार की समस्या को भी इसी भाग में रखा गया है।

- दूसरे भाग में पेमेंट से संबंधित सभी सेटलमेंट होंगे, जिनमें बैंक और नॉन बैंक दोनों शामिल किए जाएंगे। किसी भी तरह के फ्रॉड को मैनेज करने का कार्य इसी दूसरे भाग में होगा।

- तीसरे हिस्से में इक्विटी, निष्पक्षता और प्रतिस्पर्धात्मक को लेकर कार्य किया जाएगा। इसमें आवश्यक नियम आदि को तैयार और लागू किया जाएगा। पेमेंट को सुरक्षित रखने का कार्य भी इसी हिस्से में होगा।

- चौथे भाग में बिजनेस संबंधित पेमेंट को लेकर कार्य किया जाएगा यानी कि रिटेल पेमेंट को इसी हिस्से में रखा जाएगा।

- पांचवें भाग में एनपीसीआई द्वारा संचालित पेमेंट सिस्टम को लेकर बातचीत होगी और समस्या आने पर राय सलाह ली जाएगी।

- छठे व अंतिम भाग में बैंक खाते से संबंधित कार्य होंगे। किस बैंक के खाते को चालू रखना या बंद करना आदि सभी कार्य और फैसले इसी अंतिम भाग में होंगे।

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