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स्कूलों को खोलने के लिए हुई नई S.O.P जारी | SOP For Schools Reopening

भारतीय शिक्षा प्रणाली की यदि बात की जाए तो भारतीय शिक्षा के प्रमाण हमें वैदिक काल से ही दिखाई देते हैं ।

जब भारत में आश्रम व गुरुकुल व्यवस्था प्रचलन में थी ,धीरे -धीरे समय के पहिए के साथ शिक्षा जगत में भी परिवर्तन आए, आश्रम व गुरुकुल के  साथ -साथ विद्यालय प्रणाली  सामने आई  ,


भारत में सर्वप्रथम विद्यालय नालंदा विश्वविद्यालय था । जिसकी स्थापना 450 ईसवी में की गई थी ,यहां पर 10,000 से अधिक विद्यार्थी इसी विद्यालय में रहकर अध्ययन करते थे ,परंतु यह विद्यालय 12 वीं शताब्दी में बख्तियार खिलजी द्वारा पूर्णता नष्ट कर दिया गया । इसके बाद भारत में स्कूल / विद्यालय प्रणाली की व्यवस्था 19वीं शताब्दी में सामने आई,' ज्योति राव फुले 'व उनकी अर्धांगिनी 'सावित्री राव फुले 'जी ने सन् 1848 में भारत में पहला विद्यालय खोला जिसमें स्त्रियों की शिक्षा की व्यवस्था भी की गई।


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यह कदम शिक्षा के  क्षेत्र में व मानव जगत के लिए एक महत्वपूर्ण कदम था, शिक्षा ने भारत की जनता को अंग्रेजों के चंगुल से बचाया व भारतीय जनमानस को प्रगतिशील व नए- नए अविष्कारों से अवगत कराया।


आइए जानते हैं कि इस कोरोना महामारी के कारण हमारे विद्यालय शिक्षा पर क्या प्रभाव पड़े हैं व स्कूल कब खोले जाएंगे?


कोविड-19 ने विश्व में शिक्षा से लेकर औद्योगिक जगत के तंत्र को हिला कर रख दिया है, विश्व इस समय कोविड-19 से लड़ने के लिए अपने अथक प्रयास कर रहा है, कोविड-19 से बचने के लिए जिन जिन देशों ने लॉकडाउन की शुरुआत की थी अब अपने अनलॉक प्रक्रिया में आ चुकी है, धीरे-धीरे सारी व्यवस्थाएं संचालित की जा रही हैं ।


भारतीय परिप्रेक्ष्य में देखा जाए तो यहां पर  जब कोविड-19 शुरुआती दौर में अपना शिकंजा यहां पर जमा रही थी, तब इस  शिकंजे से बचने के लिए भारत सरकार ने  मार्च में ही औद्योगिक जगत के साथ-साथ विद्यालय भी बंद करवा दिए थे।


विद्यालयों में छात्रों की अधिगम प्रणाली को सुचारू रखने के लिए ऑनलाइन कक्षाएं संचालित की गई ,परंतु शत प्रतिशत सफल साबित नहीं हुई क्योंकि एनसीईआरटी (NCERT) के सर्वे के अनुसार हमारे देश में 27 % छात्र-छात्राएं ऐसे हैं , जो आधुनिक सुविधाओं से वंचित हैं, इनके पास फोन  लैपटॉप नहीं है, इसलिए ऑनलाइन शिक्षण कार्य कराना शत प्रतिशत संभव नहीं हो पाया ।


इसके तहत  सभी छात्रों को ध्यान में रखते हुए भारत सरकार ने विद्यालय प्रणाली को फिर से खोलने का निर्णय लिया।


21 सितंबर से खुलेंगे स्कूल हुई S.O.P जारी


स्कूलों को पुनः खोलने के लिए (स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर ) SOP For Schools Reopening जारी की है जो कि निम्न लिखित है:


  • 21 सितंबर से स्कूल खोले  जाएंगे जिनमें कक्षा 9 से लेकर कक्षा 12 तक कक्षाएं संचालित होंगी विद्यालय का 50% स्टॉफ उपस्थित होगा ।
  • विद्यालय में छात्र-छात्राओं की थर्मल स्क्रीनिंग की जाएगी 
  • छात्र-छात्राएं मास्क पहनकर ही विद्यालय में प्रवेश करेंगे।
  • विद्यालय में प्रार्थना सभा का आयोजन नहीं किया जाएगा, साथ ही  सेमिनार व खेल कूद का आयोजन  नहीं कराया जाएगा।
  • प्रत्येक विद्यार्थी  एक दूसरे से निश्चित दूरी पर बैठेंगे।
  • विद्यालय खुलने के पहले प्रत्येक कक्षा को सेनीटाइज किया जाएगा इसके पश्चात ही वहां पर कुछ आई संचालित होंगी


स्कूल खुलने पर अभिभावकों की प्रतिक्रिया


स्कूल खोलने के लिए एक सर्वे चलाया गया जिसमें अभिभावकों की सलाह ली गई 62% अभिभावक स्कूल खोलने के विरोध में थे, वही 33% अभिभावक अपने बच्चों को विद्यालय भेजने के लिए राजी हैं।


राजी अभिभावकों का मानना है कि 6 माह से विद्यालय बंद होने से विद्यार्थी के मस्तिष्क में पढ़ाई को लेकर को  चिंताएं उत्पन्न हो गई है ,और यह  चिंता है बढ़ती ही जा रही है, इसलिए बच्चों की चिंताओं को दूर करने के लिए विद्यालयों का खुलना आवश्यक है ।

कोविड-19 के चलते अपने और अपने बड़े बुजुर्ग व अपने बच्चों का ख्याल रखें।

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