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पर्यटन

मेघालय में झील तालाब झरने व साफ़ पानी की नदियों वाले पर्यटन स्थल

भारत के सभी राज्य अपनी अलग-अलग संस्कृति और सभ्यता के लिए जाने जाते हैं। इनमें से कुछ अपनी पौराणिक छवि को लेकर सांस्कृतिक रूप से संपन्न माने जाते हैं तो कुछ भौगोलिक परिस्थितियों को लेकर दुनिया भर में विख्यात हुए हैं। ऐसे ही राज्यों में से एक है भारत के पूर्व की ओर स्थित सात बहन राज्यों में शामिल 'मेघालय'। मेघालय राज्य अपने सुंदर हिमालयी श्रृंखलाओं, आकर्षक घने जंगलों तथा कल-कल करती नदियां के लिए मशहूर है। यह राज्य पूरी तरह से एक पहाड़ी राज्य के रूप में जाना जाता है। इसकी राजधानी शिलांग है। मेघालय शब्द का अर्थ है- मेघ+आलय यानी 'मेघों (बादलों) का घर'। मेघालय में पूरे विश्व में सबसे अधिक वर्षा होती है। इसीलिए इसे भारत के सबसे नम राज्य होने का दर्जा प्राप्त है। 


मेघालय अपनी विभिन्न जलवायुवीय विशेषताओं और अनूठी संस्कृति के लिए भी प्रसिद्ध है। यह राज्य आज भले ही 11 विभिन्न जिलों में बांटा गया है परंतु यहां पर मुख्य रूप से 3 जनजातियां ही निवास करती हैं। इन्हें गारो, खासी तथा जयंतिया नाम से जाना जाता है। इन जनजातियों की खासियत यह है कि यह मातृसत्तात्मक समाज की परंपरा का अनुसरण करते हैं। अर्थात जिस तरह से पूरे भारत में पितृसत्तात्मक समाज का प्रचलन है, उससे हटकर यहां पर स्त्रियों को अधिक मान्यता दी जाती है तथा विवाह के पश्चात पुरुषों को अपनी पत्नी के घर आकर रहना होता है। यहां के लोग जातीय भाषा के साथ-साथ अंग्रेजी का उपयोग अधिक करते हैं।


पर्यटन की दृष्टि से देखा जाए तो पूरा मेघालय राज्य ही पर्यटकों के लिए खास है। दरअसल यहां पर कई पर्यटन स्थल मौजूद हैं जो दूर-दूर से आने वाले पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करते रहते हैं। यहां पर आकर सैलानी स्वयं को शांति और सुरक्षा के घेरे में पाते हैं और यहां से निकलना नहीं चाहते। पर्यटकों की रूचि के अनुसार यहां पर कई भिन्न-भिन्न परिस्थितियां मौजूद हैं। यहां पर रोमांच से लेकर एडवेंचर तक कई तरह की गतिविधियां की जा सकती हैं। सुंदर-सुंदर झरने, बारिश, नदियां, घास के अत्यधिक खूबसूरत मैदान तथा ऊँची-ऊँची पर्वत मालाओं के साथ मेघालय पर्यटकों के लिए स्वर्ग समान स्थल उपलब्ध कराता है। आइए आपको मेघालय के कुछ ऐसे ही सुंदर पर्यटक स्थलों की सैर करवाते हैं।


1- वाडर्स लेक


वाडर्स लेक मेघालय की ऐतिहासिक झीलों में से एक है। यह झील मेघालय राज्य की राजधानी शिलांग में स्थित है। यह बड़ी खूबसूरती और आकर्षक तरीके से निर्मित कृत्रिम झील है जिसका आकार घोड़े के खुर के समान है। इस झील का नाम किसी समय में असम के चीफ कमिश्नर विलियम वार्ड के नाम पर रखा गया था। कहा जाता है कि यह झील उस समय की कैदियों की मनोरंजन हेतु बनाई गई थी जो कि शिलांग शहर के बीच में ही निर्मित है। झील के चारों ओर हरी-भरी कई प्रकार की वनस्पतियां मौजूद हैं तथा झील में रंग-बिरंगी ढेर सारी मछलियों को पाला गया है। इस तरह की प्राकृतिक सुंदरता से भरे दृश्य, सुकून देने वाली वादियां तथा शांति के लिए लोग हर वर्ष यहां आकर एकांत में समय व्यतीत करते हैं, जहां न जिंदगी की भीड़-भाड़ है और न ही एक दूसरे से आगे निकलने की होड़, बस है तो मनोरम दृश्य, खूबसूरत प्रकृति और स्वयं के साथ बिताने के लिए समय।



2- नारतियांग


नारतियांग मेघालय की सबसे पसंदीदा और लोकप्रिय पिकनिक स्पाॅट माना जाता है। यह क्षेत्र जयंतिया हिल्स में बसता है। नारतियांग अपनी प्राकृतिक सुंदरता और अनुपम छटाओं के साथ ट्रेकिंग के लिए भी काफी प्रसिद्ध है। यहां पर आपको कई सारी अद्भुत गुफाएं और घूमने के लिए कुछ ऐसी जगह मिलती हैं जहां से आप चाह कर भी अपनी दृष्टि नहीं हटा सकते। इस क्षेत्र को पूरे 'मेघालय का दिल' कहा जाता है। वर्तमान में पर्यटक स्थल होने के साथ-साथ इस का ऐतिहासिक महत्व भी कुछ कम नहीं है। दरअसल कहा जाता है कि वर्षों पूर्व इस क्षेत्र के राजा जयंतिया अपनी राजधानी जयंतिया पूर्व में निवास करते थे। यह क्षेत्र अब बांग्लादेश के हिस्से में है। जब राजा यहां निवास करते थे तो उन्होंने पहाड़ी पर बसे एक छोटे से गांव नारतियांग को अपनी ग्रीष्मकालीन राजधानी घोषित किया था। इस वजह से ही नारतियांग को पर्यटन के लिए प्रसिद्धि मिली क्योंकि यहां पर लोगों का आवागमन बढता चला गया और विभिन्न प्रकार के सांस्कृतिक संबंध भी स्थापित किए गए। अब 2 जिले जिनमें पश्चिमी जयंतिया हिल्स और पूर्वी जयंतिया हिल्स आते हैं उन्हें सम्मिलित रूप से जयंतिया हिल्स कहा जाता है। बताया जाता है कि नारतियांग का प्रसिद्ध दुर्गा मंदिर भी क्षेत्र के मुख्य आकर्षणों में से एक है जिन्हें देखने के लिए पर्यटक उत्सुक ही रहते हैं। 



3- चेरापूंजी


चेरापूंजी मेघालय के प्रमुख स्थलों में गिना जाता है। जहां वर्षभर बारिश होती रहती है। देखा जाए तो मेघालय की प्रसिद्धि चेरापूंजी की वजह से ही विश्व भर में हुई है क्योंकि इस स्थान पर लगातार बारिश होने से यह सबसे अधिक वर्षा वाले स्थानों में प्रमुख है। चेरापूंजी को स्थानीय भाषा में 'सोहरा' नाम से जाना जाता है। यह जगह अपनी स्वच्छता और दर्शनीय परिवेश के कारण पूरे विश्व में विख्यात है। दरअसल बारिश होने की वजह से इस स्थान की मिट्टी बहुत ही हल्की है, जिस कारण यहां पर किसी भी प्रकार की खेती नहीं की जा सकती है। ऐसा इसलिए भी है क्योंकि बारिश होने की वजह से वनों का कटाव होता रहता है और मिट्टी की ऊपरी परत काफी कमजोर हो गई है, जिससे वह एक स्थान से दूसरे स्थान पर बह जाती है। दूसरी ओर से देखा जाए तो बारिश होना इस क्षेत्र के लिए वरदान है क्योंकि इसके कारण ही यहां पर इतने सुंदर और लुभावने पर्यटक स्थल विकसित हो चुके हैं जो पर्यटकों को एक अविस्मरणीय यात्रा का अनुभव प्रदान करते हैं। इनमें मास्मई, नेह स्निग्थियांग फॉल्स आदि लोकप्रिय पर्यटक स्थलों के अलावा नीहकालीकई झरने (जो कि देश के सबसे बड़े झरनों में आता है) स्थित हैं।



4- मासिनराम


मासिनराम चेरापूंजी के पास में ही स्थित मेघालय का एक खूबसूरत पर्यटन स्थल है। यहां पर खूबसूरत दृश्य और ऐसी प्राकृतिक संभावनाएं हैं कि प्रकृति प्रेमी इस स्थान को काफी पसंद करते हैं। मासिनराम का शाब्दिक अर्थ 'माव' खासी शब्द से लिया गया है। इस शब्द का अर्थ पत्थर होता है क्योंकि इस क्षेत्र में बसे गांव का आकार लगभग शिवलिंगम की तरह ही दिखाई देता है इसलिए इस क्षेत्र को मासिनराम कहा जाता है। यह धरती यहां आने वाले पर्यटकों को खूबसूरत अनुभव के साथ-साथ शानदार नजारों का भी लुफ्त उठाने का अवसर प्रदान करती है। मासिनराम क्षेत्र यहां से एकत्रित की जाने वाले स्टैलेग्माइट के लिए भी विश्व विख्यात है। इस स्थान पर आने वाले पर्यटक यहां होने वाली बारिश का भी भरपूर मजा ले सकते हैं। अतः यदि आप भी इस तरह की बारिश का मौसम पसंद करते हैं तो आपके लिए यह जगह स्वर्ग के जैसी ही है।



5- मेघालय स्टेट म्यूजियम


मेघालय राज्य का स्टेट म्यूजियम यहां आने वाले पर्यटकों के लिए खास आकर्षण का केंद्र है। यहां पर विभिन्न प्रकार की चीजों से निर्मित संग्रहालय है जो पर्यटकों को एक बेहतरीन अनुभव देता है। दरअसल इस संग्रहालय में बहुत ही खूबसूरत आदिवासियों के समय से निर्मित कलाकृतियां मौजूद हैं। इसके साथ-साथ प्राचीन शास्त्रों का संग्रहण करके भी यहां पर लाया गया है, जो यहां की संस्कृति और सभ्यता से पर्यटकों को रूबरू करवाता है। इस संग्रहालय के सेंट्रल लाइब्रेरी परिसर में लाइचुमियर का भी निर्माण किया गया है जिसका संरक्षण मेघालय सरकार करती है। इस तरह से यह क्षेत्र मेघालय के बारे में जानने और समझने वाले लोगों के लिए भरपूर जानकारी प्रदान कर सकता है। अतः आपको यहां अवश्य आना चाहिए।



6- एलीफेंटा फॉल


एलिफेंटा फॉल मेघालय के खूबसूरत आकर्षणों में से एक है। यह स्थान सबसे ज्यादा बारिश होने वाले स्थानों में सबसे अधिक प्रसिद्ध है। बता दें कि यह जगह चेरापूंजी जाने के रास्ते पर पड़ती है। यहां पर एलिफेंटा फॉल अपने रोमांचित नजारों से पर्यटकों को आकर्षित करता है। यह क्षेत्र मेघालय की राजधानी शिलांग से लगभग 12 किलोमीटर दूर है। बता दें प्राचीन समय में इस स्थान को शैद लई पतेंग खोशी के नाम से संबोधित किया जाता था परंतु अंग्रेजों ने इसका नामकरण एलिफेंटा कॉल के रूप में कर दिया। यहां पर ऊंचाई से गिरता हुआ झरना और चारों ओर से घिरी हुई खूबसूरत वादियां पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करती हैं। अतः यहां आकर आपको इन नजारों का आनंद अवश्य उठाना चाहिए।



7- उनियाम


उनियाम क्षेत्र मेघालय के महत्वपूर्ण पर्यटक स्थलों में से एक है। यह जगह शिलांग से करीब 17 किलोमीटर की दूरी पर मौजूद है। यहां पर स्थित है 'उनियाम वाटर स्पोर्ट्स कंपलेक्स'। यह पर्यटकों के लिए एक मजेदार जगह है। यहां पर दूर-दूर तक पानी ही पानी दिखाई देता है अर्थात बड़े पानी के भंडार को यहां पर्यटक स्थल के रूप में निर्मित किया गया है। इस वाटर स्पोर्ट्स कंपलेक्स में कई सारी ऐसी गतिविधियां आयोजित की जाती हैं जिनमें भाग लेकर मन अत्यंत प्रसन्न हो जाता है। यहां आकर नौका विहार का भी मजा लिया जा सकता है। इसके साथ-साथ इस स्थान की दिलचस्प बात है कि यहां पर पर्यटक फ्लोटिंग रेस्टोरेंट के स्वादिष्ट खाने का आनंद उठाते हैं। यदि आप भी इस प्रकार के वाटर स्पोर्ट्स के शौकीन हैं और फ्लोटिंग रेस्टोरेंट का आनंद लेना चाहते हैं तो इसी स्थान पर आकर अपने शौक पूरे कर सकते हैं।



8- शिलांग


शिलांग मेघालय राज्य की राजधानी है और यहां घूमने वाली जगहों में काफी मशहूर है। यह एक ऐसा हिल स्टेशन है जहां पर देश के लगभग सभी दिशाओं से पहुंचने की सुविधा उपलब्ध है। मेघालय की राजधानी शिलांग का नामकरण एक देेवता v-shyllong के नाम पर हुआ है। शिलांग हिल स्टेशन को 'पूर्व का स्कॉटलैंड' तथा 'बादलों के निवास' के नाम से भी जाना जाता है। शिलांग समुद्र तल से करीब 1491 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है। मेघालय में स्थित सबसे ऊंची चोटियों में शिलांग का नाम अग्रणी है तथा यह चोटियां स्कॉटलैंड की पहाड़ियों की भांति ही दिखाई देती है, जिस वजह से इस क्षेत्र का नाम पूर्व का स्कॉटलैंड रखा गया है। अतः यदि आप आकर्षक पर्वतों ऊंचे ऊंचे पहाड़ो और झरनों, जंगलों तथा नदियों के नजारों को देखना चाहते हैं तो इस जगह आकर आप मेघालय की हर उस स्थिति से परिचित हो सकते हैं, जो आपको एक सुखद अनुभव प्रदान करती है।



9- पश्चिमी गारो हिल्स


पश्चिमी गारो की पहाड़ियां मेघालय की बहुत ही खूबसूरत पर्यटन स्थलों में से एक है। यह पहाड़ी क्षेत्र सिर्फ किनारे पर बसे क्षेत्रों में ही मैदान का रूप लेता है परंतु इसका अधिकांश हिस्सा पहाड़ी है। यह क्षेत्र मेघालय का  दूसरे स्थान पर सबसे अधिक आबादी वाला जिला है तथा दूसरा सबसे बड़ा शहर भी माना जाता है। इस क्षेत्र में प्रमुख रूप से फैली हुई जनजाति गारोस हैं, जो तिब्बती बर्मन के बोडो परिवारों से संबंध रखते हैं। यह ऐसी जनजातियां हैं जो मातृ वंशीय समाज को स्थान देती हैं और दुर्लभ जनजातियों में से एक मानी जाती हैं। गारो हिल्स में कई सारे बायोस्फीयर रिजर्व, झील और खूबसूरत पहाड़ियां बसती हैं इसलिए पर्यटक यहां आने के लिए हमेशा ही उत्साहित रहते हैं। दरअसल इन आकर्षक पहाड़ियों के अलावा यहां पर कई सारे ऐसे स्थान भी शामिल हैं जो अपने पौराणिक महत्व और संस्कृति के लिए प्रसिद्ध हैं। इन क्षेत्रों में रंग पानी और भैत बारी प्रमुख हैं। तुरा, चिबराग्रे पेल्गा झरना, नोकरेक बायोस्फीयर रिजर्व तथा रोंगबैंग इस क्षेत्र के प्रमुख आकर्षणों में से एक हैं। इनके अलावा यह क्षेत्र यहां होने वाली संतरों की पैदावार के लिए काफी प्रसिद्ध बताया जाता है जिनमें सासातग्रे गांव का अग्रणी स्थान है।



10-नाहकलिकई


नाहकलिकई वाटरफॉल मेघालय के खूबसूरत झरनों में से एक है। यह झरना चेरापूंजी के ही पास में लगभग 7 किलोमीटर की दूरी पर है। इस आकर्षक वाटरफॉल को देखने के लिए दुनिया भर से पर्यटक यहां भ्रमण करने आते हैं। इस वाटरफॉल की खूबसूरती को देखने के साथ-साथ यहां की दिलचस्प कहानी भी पर्यटकों को काफी पसंद आती है। इस कहानी के अनुसार कहा जाता है कि पहले इस क्षेत्र में लिकई नाम की एक महिला निवास करती थी, जिसने अपने पहले पति की मृत्यु के पश्चात एक दूसरे व्यक्ति से विवाह कर लिया था। उस महिला की एक प्यारी सी बेटी भी थी जिससे वह बहुत अधिक प्रेम करती थी। परंतु दूसरी और यह बात उसके पति को बिल्कुल भी अच्छी नहीं लगती थी। इसलिए एक बार उसने लिकई के बाहर जाते ही क्रूरता से उसकी बेटी को मार कर पका दिया। जैसे ही लिकई घर आई तो उसे अपनी बेटी की उंगली दिखाई दी। इसके बाद जब इस घटना की सच्चाई सामने आई तो लिकई बहुत दुखी हो गई और उसने इस वाटरफॉल से कूदकर अपनी जान दे दी। इस घटना के बाद ही इस झरने का नाम नाहकलिकई पड़ा। यदि आप प्रकृति की सुंदर वादियों और झरनों को देखने के शौकीन हैं तो आपको इस स्थान पर भ्रमण के लिए जाना चाहिए।



मेघालय का प्रसिद्ध भोजन


मेघालय आने वाले प्रत्येक पर्यटक को यहां का भोजन अत्यंत स्वादिष्ट और जायकेदार लगता है। मेघालय के स्थानीय भोजन में मोमोज, राइस बीयर, नखन बिची, बम्बू शूट्स, दोहे, जादो, एग दाल, तुंगरीम्बाई, मीसा मच पूरा, पुडोह, मिनिल सोंगा हर्बड पोर्क, मेलीम चिकन आदि प्रसिद्ध हैं जो पर्यटक को की भूख शांत  करते हैं।



कैसे पहुंचे


पर्यटक मेघालय पहुंचने के लिए परिवहन के किसी भी साधन का उपयोग कर सकते हैं।


हवाई मार्ग- यदि आपने मेघालय जाने के लिए हवाई मार्ग का सहारा लेने का मन बनाया है तो इसके लिए आपको बता दें कि मेघालय के पास अपना कोई भी एयरपोर्ट उपलब्ध नहीं है। इसके लिए सबसे नजदीकी गुवाहाटी हवाई अड्डे के लिए उड़ान भरने होती है और यहां से मेघालय के स्थानीय साधनों के जरिए पहुंचा जा सकता है।

 

ट्रेन मार्ग-  यदि आप रेलवे परिवहन के द्वारा मेघालय पहुंचना चाहते हैं तो यहां का सबसे नजदीकी रेलवे स्टेशन भी गुवाहाटी ही है। इसके बाद आप स्थानीय परिवहन के माध्यम से मेघालय पहुंच सकते हैं। 


सड़क मार्ग- यदि आप सड़क के रास्ते मेघालय जाने की योजना बना रहे हैं तो आपको बता दें कि मेघालय पूरी तरह से सड़क मार्ग से समृद्ध है। यह सभी शहरों से अच्छी तरह से कनेक्टेड है। इसलिए मेघालय जाने के लिए सड़क मार्ग का प्रयोग आसानी से किया जा सकता है।

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