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हेल्थ

चीनी के स्थान पर करें नेचुरल विकल्पों का इस्तेमाल | Know White Sugar Alternatives

सभी लोग ज्यादातर खाने में मीठा डालने के लिए चीनी का इस्तेमाल करते हैं। चीनी का प्रयोग चाय से लेकर खाने की हर मीठी चीज में किया जाता है। नमक की तरह चीनी भी खाने का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है क्योंकि खाने के बाद कुछ मीठा खाने के बाद ही खाने को पूरा माना जाता है। इस मीठे को बनाने के लिए अधिकतर लोग अपने घरों में सफेद रिफाइंड वाली चीनी का प्रयोग करते हैं।


दरअसल इस सफेद रिफाइंड चीनी का प्रयोग करने से डायबिटीज, हार्ट डिजीज, मोटापा और कैंसर जैसी बड़ी और गंभीर बीमारियां होने का खतरा बढ़ जाता है। इससे दातों में भी दिक्कत होने लगती है। इन सब बीमारियों से बचने के लिए आजकल बाजार में आर्टिफिशियल स्वीटनर्स भी आए हुए हैं।


कई लोग चीनी का नहीं बल्कि इन आर्टिफिशियल स्वीटनर्स को अपने शरीर के लिए लाभदायक समझते हैं, परंतु यह आर्टिफिशियल स्वीटनर्स से शरीर को नुकसान पहुंचा सकते हैं। आइए हम यह जानते हैं कि आर्टिफिशियल स्वीटनर्स कैसे शरीर को नुकसान पहुंचाते हैं और चीनी की जगह पर किन नेचुरल चीजों का इस्तेमाल गंभीर बीमारियों से बचा सकता है।


आर्टिफिशियल स्वीटनर्स का प्रयोग हो सकता है खतरनाक


आजकल अधिकतर लोग मधुमेह के रोगियों का चीनी से परहेज करने के कारण आर्टिफिशियल स्वीटनर्स का इस्तेमाल करते हैं क्योंकि उनका मानना है कि चीनी शरीर के लिए अधिक नुकसानदायक होती है और आर्टिफिशियल स्वीटनर्स शरीर को नुकसान नहीं पहुंचाते। ऐसा बिल्कुल भी नहीं है। आर्टिफिशियल स्वीटनर्स एक ओर तो चीनी जैसे खतरनाक साबित नहीं होते, परंतु इनके कई सारे साइड इफेक्ट हो सकते हैं। शरीर का वजन बढ़ जाना, ब्लैडर में कैंसर की समस्या या ब्रेन ट्यूमर जैसी गंभीर बीमारियों का शिकार, आर्टिफिशियल स्वीटनर्स के साइड इफेक्ट के कारण हो सकता है।


इसलिए ऐसे में हम यह बिल्कुल नहीं कह सकते चीनी की जगह इन आर्टिफिशियल स्वीटनर्स का उपयोग करना चाहिए। बिना किसी फाइबर या प्रोटीन की उपस्थिति के हाई कैलोरी से युक्त चीनी या मार्केट में मिलने वाला किसी भी तरह के आर्टिफिशियल स्वीटनर्स हो, दोनों ही सेहत को नुकसान पहुंचाते हैं। इसलिए शरीर की सेहत को बनाए रखने के लिए चीनी की जगह कुछ और विकल्पों का प्रयोग करना बेहतर हो सकता है, जो शरीर को किसी भी प्रकार से नुकसान ना पहुंचाते हों और शरीर के लिए फायदेमंद होते हों।


इन चीजों का करें प्रयोग-


शहद है शरीर के लिए फायदेमंद (Honey is Beneficial for the Body)


शहद से तो आप सभी को बखूबी वाकिफ होंगे। यह सुपर फूड की कैटेगरी में सबसे हेल्दी और टेस्टी माना जाता है। शहद को अंग्रेजी में हनी कहते हैं। इसमें जिंक, आयरन, पोटेशियम और एंटीऑक्सीडेंट्स से भरपूर कई सारे न्यूट्रिएंट्स और विटामिन पाए जाते हैं, जो शरीर को एनर्जी प्रदान करने के साथ-साथ सेहतमंद बनाते हैं। शहद को हर रोज खाने से प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है और यह वजन कम करने के लिए भी बेहद मददगार माना जाता है। दरअसल इसमें बहुत कम कैलोरी पाई जाती है। इसलिए इसे चीनी की जगह इस्तेमाल करना एक बेहतर विकल्प हो सकता है।


कोकोनट शुगर का करें प्रयोग (Use Coconut Sugar)


कोकोनट शुगर जैसे अपने नाम से ही जाना जा सकता है। नारियल से बनी हुई कई सारी चीजें नारियल पानी, नारियल का दूध और नारियल का तेल तो आप सभी के द्वारा अपने रोजमर्रा के कामों में प्रयोग किया जाता होगा, परंतु कोकोनट शुगर आज कल का नया और काफी मशहूर स्वीटनर हो गया है। इसे प्राकृतिक रूप से प्राप्त शुगर माना जाता है जिसका ग्लाइसेमिक इंडेक्स कम होता है। नारियल में कई तरह के न्यूट्रिएंट्स और मिनरल्स भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं। इसे अपनी डाइट में खाने से आयरन, जिंक, पोटैशियम, कैल्शियम जैसे कई सारे पोषक तत्व शरीर को आसानी से मिल जाते हैं। दरअसल यह स्वीटनर पूरी तरह से ऑर्गेनिक रूप में बनाया जाता है। इसमें किसी भी प्रकार का केमिकल प्रयोग नहीं किया जाता। इसलिए इसे भी चीनी के विकल्प के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है।


गुड है हेल्दी विकल्प (Jaggery is a Healthy Choice)


अक्सर कई लोग चीनी की जगह गुड़ का प्रयोग करते हैं। यह शरीर और सेहत दोनों के लिए हेल्दी माना जाता है क्योंकि गुड पाचन क्रिया के लिए अच्छा, अस्थमा के लिए फायदेमंद माना जाता है तथा सर्दी खांसी में राहत पहुंचाने का कार्य करता है। गुड में विटामिन और मिनरल्स के साथ-साथ कैल्शियम और जिंक पाए जाते हैं तथा भरपूर मात्रा में आयरन होता है। इससे रक्त में हिमोग्लोबिन को बढ़ाने में सहायता मिलती है। गुड के सेवन से एनीमिया जैसी बीमारी का खतरा कम हो जाता है और इम्यूनिटी भी बढ़ती है। इसलिए गुड़ का सेवन अवश्य करें।


मेपल सिरप का करें इस्तेमाल (Use Maple Syrup)


मेपल सिरप का प्रयोग आजकल चीनी के स्थान पर किया जा रहा है। दरअसल इसका ग्लाइसेमिक इंडेक्स बहुत ही कम होता है तथा इसमें कई सारे पोषक तत्व शामिल होते हैं। जैसे जिंक, आयरन, कैल्शियम मैग्नीशियम, पोटेशियम इनके अलावा इसमें एंटी ऑक्सीडेंट पाए जाते हैं, जिससे मधुमेह के रोगियों के लिए यह फायदेमंद होता है। हेल्थ एक्सपर्ट्स के अनुसार मेपल सिरप रक्त में शुगर का स्तर कंट्रोल करने में मदद करता है और टाइप 2 डायबिटीज को रोकने में कारगर है। इसके लिए कितनी मात्रा में और किस प्रकार इस सिरप का सेवन करना है, इसकी जानकारी डॉक्टर से अवश्य लें और तभी से सेवन करें। 


स्टीविया है औषधि (Stevia is Medicine)


स्टीविया एक प्रकार का नेचुरल स्वीटनर है जिसे एक पौधे से प्राप्त किया जाता है। स्टीविया को रेबाॅडिआना नाम के एक पौधे की पत्तियों से प्राप्त किया जाता है। इन पत्तियों में मिठास होती है और उसी मिठास को लोगों द्वारा मीठे के लिए प्रयोग में लाया जाता है। स्टीविया में जीरो प्रतिशत कार्बोहाइड्रेट और जीरो कैलोरी होती है, जिससे इसका कोई भी साइड इफेक्ट नहीं होता है। इस तरह से स्टीविया बाकी आर्टिफिशियल स्वीटनर्स की तरह हाई कैलोरी से भरपूर नहीं है और इसका सेवन फायदेमंद होता है।


खजूर का करें सेवन (Eat Dates)


चीनी के स्थान पर खजूर का सेवन भी फायदा पहुंचा सकता है। दरअसल खजूर कई पोषक तत्वों से से निर्मित होता है। इसमें मैग्नीशियम, आयरन, पोटेशियम आदि तत्व पाए जाते हैं और इसका स्वाद भी अच्छा होता है। खजूर फैट और प्रोटीन को पचाने मे काफी सहायता करता है। इसीलिए इसे खाने में अवश्य शामिल करना चाहिए। खाने के बाद खजूर का सेवन करने से शरीर सेहतमंद रहता है और बीमारियां कम होती हैं।

डिस्क्लेमर: यह टिप्स और सुझाव सामान्य जानकारी के लिए हैं, इन्हे किसी डॉक्टर या फिर स्वस्थ्य स्पेशलिस्ट की सलाह के तौर पर न लें, बिमारी या किसी संक्रमण की स्थिति में डॉक्टर की सलाह से ही अपना इलाज करवाएं।

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