Who is Rakesh Tikait in Hindi
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जानिए किसान नेता राकेश टिकैत का जीवन परिचय, करियर व निजी जिंदगी के बारे में | Who is Rakesh Tikait in Hindi

किसान आंदोलन नए किसान बिल के चलते अपने चरम पर है। 26 जनवरी को हुयी हिंसा व लाल किल्ले पर हुआ बवाल से सरे देशवासी स्तब्ध हैं, और अब किसानो के आंदोलन को समाप्त करने के लिए एक और आंदोलन की शुरुआत हो रही है। इस सब कुछ के दरमियान पिछले कुछ महीनो से या जब से ये आंदोलन चल रहा है, एक नाम बार बार आ रहा है और वह नाम है किसान नेता राकेश टिकैत का। आखिर कौन हैं राकेश टिकैत जिनको किसानो का मसीहा कहा जाता है। 


तो पहले जल्दी से बैकग्राउंड को टटोलते हैं। चौधरी चरण सिंह जो 28 July 1979  से 14 January 1980 तक भारत के प्रधान मंत्री भी रहे, पश्चिमी उत्तर प्रदेश में किसानो के पहले मसीहा कहे जाते हैं, उन्होंने महेंद्र सिंह टिकैत के साथ नीव रखी थी भारतीय किसान यूनियन की। महेंद्र सिंह टिकैत ग्राम सिसौली जिल्ला मुज़फ़्फ़रनगर उत्तर प्रदेश के रहने वाले थे। महेंद्र सिंह टिकैत की मृत्यु के बाद भारतीय किसान यूनियन के अध्यक्ष बने उनके बड़े बेटे नरेश टिकैत। और वर्तमान में राकेश टिकैत भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता हैं। 


राकेश टिकैत का जीवन परिचय, करियर


राकेश टिकैत का जन्म 4 जून 1969 को उनके पैतृक ग्राम सिसौली में हुआ था। प्रारंभिक शिक्षा के पश्चात् उन्होंने मेरठ विश्वविद्यालय से MA की डिग्री प्राप्त की। 


राकेश टिकैत ने अपनी पढ़ाई को समाप्त करने के बाद दिल्ली पुलिस में नौकरी शुरू की। 1992 में वह कॉन्स्टेबल के रूप में नौकरी कर रहे थे। अपने पिता का सालो साल से किसानो के प्रति किया गया कार्य ने उनको बहुत प्रभावित किया, साल 93 94 में उनके पिता चौधरी महेंद्र सिंह टिकैत लाल किल्ले में किसान आंदोलन को लेकर धरने पर बैठे थे, उस वक्त सरकार द्वारा आंदोलन का दमन करने की कोशिश की गयी और राकेश टिकैत ने अपनी नौकरी से त्यागपत्र देकर किसानो के हित की लड़ाई को ही अपनी ज़िन्दगी का मकसद बना दिया। 


राकेश टिकैत 4 भाइयों में दुसरे नंबर के हैं, उनके बड़े भाई नरेश टिकैत, और तीसरे भाई सुरेंद्र टिकैत हैं जो एक शुगर मिल में मैनेजर के रूप में कार्यरत हैं, और सबसे छोटे भाई नरेंद्र टिकैत खेती का कार्य करते हैं। 1985 में राकेश टिकैत शादी बागपत जिले के दादरी गांव की सुनीता से हुयी, उनका एक पुत्र व दो पुत्रियां हैं, सभी की शादी हो चुकी है। 


कई बार गए हैं जेल 


राकेश टिकैत को कई आरसे हो गए किसानो की हित की लड़ाई लड़ते लड़ते, इस बीच वह कई बार जेल भी गए, तकरीबन 40 से ज्यादा बार। गन्ना मूल्य बढ़ाने के लिए उन्होंने संसद भवन के बहार गन्ने को जलाकर विरोध प्रदर्शन किया और उनको तिहाड़ जेल भेज दिया गया। मध्य प्रदेश के भूमि अधिग्रहण कानून के खिलाप उनकी लम्बी लड़ाई में वह 39 दिनों तक जेल में कैद रहे। 


दो बार चुनाव भी लड़ चुके हैं


हालाँकि भारतीय किसान यूनियन के अध्यक्ष उनके बड़े भाई नरेश टिकैत हैं, परन्तु उनकी संगठन में अच्छी पकड़ है और सभी मुख्या फैसले वही लेते हैं। वही हर एक आंदोलन की रूप रेखा को तैयार करते हैं। 


राकेश टिकैत ने सन 2007 में खतौली जो मुज़्ज़फरनगर उत्तर प्रदेश की एक विधान सभा है, से चुनाव लड़ा और हार का सामना करना पड़ा, उसके बाद उन्होंने सन 2014 में अमरोहा जनपद में लोक सभा का चुनाव लड़ा और दुबारा से हार का सामना करना पड़ा। 

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