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अमेरिका ने चीनी स्मार्टफोन कंपनी शाओमी को ब्लैक लिस्ट से किया आउट

अमेरिका के जो बाइडेन प्रशासन ने स्मार्टफोन मेकर चीनी कंपनी शाओमी पर लगे सभी प्रतिबंधों को हटा दिया है और ब्लैक लिस्ट से निकाल कर कंपनी के साथ काम करने के लिए तैयार है। दरअसल चीनी कंपनी शाओमी को इस साल जनवरी में डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन ने ब्लैक लिस्ट सूची में डाल दिया था परंतु अब यूएस डिपार्टमेंट ऑफ डिफेंस (DOD) ने इसे ब्लैक लिस्ट से बाहर करने का फैसला लिया है। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि अमेरिका ने शाओमी कंपनी को कम्युनिस्ट चीनी सैन्य कंपनी का पार्टनर बताते हुए सभी अमेरिकी कंपनियों के साथ व्यावसायिक संबंध स्थापित करने से प्रतिबंधित कर दिया था। इस कारण जनवरी में इसे ब्लैक लिस्ट में डाल दिया था। इसके बाद अब कंपनी को इस लिस्ट से हटाने का फैसला लिया गया है।


यह है मामला

 

अमेरिकी प्रतिबंधों के बाद शाओमी ने अमेरिका द्वारा लगाए गए इन प्रतिबंधों के खिलाफ कोर्ट में मुकदमा दाखिल किया था और अपने ऊपर लगे हुए सभी आरोपों को गलत बताते हुए यह कहा था कि-'कंपनी का कोई भी संबंध कम्युनिस्ट चीन मिलिट्री से नहीं है और ना ही कंपनी कभी इस मिलिट्री का भाग थी।' इस पर अमेरिकी रक्षा विभाग द्वारा कंपनी को ब्लैक लिस्ट से निकालने के लिए सहमति जताई है।

 

एक रिपोर्ट के अनुसार इस वर्ष मार्च माह में वाशिंगटन के फेडरल जज ने इस मुकदमे पर सुनवाई करते हुए शाओमी के पक्ष में अपना फैसला सुनाया था। फैसले में कहा गया था कि कंपनी के ऊपर लगे सभी प्रतिबंधों को रोक दिया जाए तथा सरकार को भी रेस्ट्रिक्शन्स को हटाने के लिए सुझाव दिए गए थे।


आपकी जानकारी के लिए बता दें कि शाओमी इस वक्त तीसरी सबसे बड़ी मोबाइल निर्माता कंपनी है। इसे अमेरिका द्वारा ब्लैक लिस्ट में रखा गया था। यानी कि कंपनी अमेरिका के किसी भी कंपनी के साथ कोई भी व्यापार नहीं कर सकती थी। इस कारण अमेरिका के किसी भी टेक्नोलॉजी का उपयोग भी कंपनी के लिए प्रतिबंधित था। ऐसे हालात में कंपनी पर खुद के चिप और बाकी के पार्ट्स बनाने का भारी दबाव पड़ गया था। जिससे कंपनी को खासा नुकसान भी झेलना पड़ा था। खबर के मुताबिक ब्लैक लिस्ट होने के बाद शाओमी के शेयरों में 11% तक की गिरावट दर्ज की गई थी।


अमेरिका ने जताई सहमति


अब रिपोर्ट्स की मानें तो अमेरिकी सरकार इस मामले को ज्यादा लटकाना नहीं चाहती और ना ही आगे बढ़ाने की किसी भी प्रकार की कोशिश कर रही है। जिस कारण शाओमी को इस काली सूची से बाहर करने पर सहमति जताई गई है। इसके अलावा यदि कंपनी को ब्लैक लिस्ट से नहीं हटाया जाता है तो अमेरिका के इन्वेस्टर्स के पास इससे इन्वेस्ट हटाने का सिर्फ नवंबर माह तक का ही समय होता। अब DOD द्वारा इस मामले को लेकर एक साझा रिपोर्ट फाइल करी गई। इसमें यह फैसला लिया गया है कि दोनों पार्टी इस मामले को अधिक ना बढ़ाकर सुलझाना चाहती हैं। ब्लैक लिस्ट से हटने की इस खबर के बाद से ही शाओमी के शेयर्स में 6.5% की बढ़ोतरी देखी गई है। 

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