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तो क्या कोरोना वायरस के डेल्टा वेरिएंट पर वैक्सीन काम नहीं करेगी

कोरोना का डेल्टा प्लस वैरीअंट शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बेअसर कर सकता है इस बात की पुष्टि वायरोलॉजिस्ट प्रोफेसर शाहिद जमील ने की है । डॉक्टर का  कहना है कि यदि आप कोरोना महामारी से संक्रमित हुए थे और अभी आप संक्रमण से उभर रहे हो और आपके शरीर में एंटीबॉडी का निर्माण हुआ है तो कोरोना का डेल्टा प्लस वेरिएंट इसे खत्म कर सकता है। डॉक्टर्स का कहना की कोरोना का यह नया डेल्टा प्लस वैरीअंट वैक्सीन और एंटीबॉडी को बेअसर कर देगा।


कोरोना की दूसरी लहर से तबाही मचाने के बाद डेल्टा वेरिएंट अब डेल्टा प्लस के रूप में सामने आया है बीते सप्ताह स्वास्थ्य मंत्रालय ने डेल्टा प्लस से ज्यादा भयभीत न होने की बात कही थी लेकिन बीते सोमवार को केरल में इस वैरीअंट के 3 नए मामले देखने को मिले हैं जिससे स्वास्थ्य मंत्रालय ने सतर्कता बरतते हुए उस पर नजर रखने और देश भर में उसकी मौजूदगी पर नजर रखने की बात कही है।


कोरोना संक्रमित व्यक्तियों को वैक्सीन लगाने के बाद 90 फीसदी तक का बचाव मिलता है जबकि 10 फ़ीसदी लोगों में कोरोनावायरस का खतरा बना रहता लेकिन अब बड़ी खबर यह समने आ रही है कि तमाम स्टडी के मुताबिक कोरोना की वैक्सीन कोरोना के डेल्टा प्लस वैरीअट में बेअसर साबित हो रही है। 


केरल में डेल्टा प्लस के नए मरीज आए सामने         


केरल में कोरोना के डेल्टा प्लस वैरीअंट के 3 मरीज सामने आए हैं पलक्कड़ और पठनमथिटा जिलों के एकत्र नमूनों में सोर्स कोविड- 2 डेल्टा प्लस के 3 मरीज पाए गए हैं जिले के जिला अधिकारी का कहना है कि कंडारा पंचायत का एक 4 वर्षीय लड़का भी डेल्टा प्लस संस्करण के इस वैरीअंट से संक्रमित पाया गया है।


महाराष्ट्र में डेल्टा प्लस के कुल मरीज

 

कोविड-19 का अत्यधिक संक्रामक स्वरूप डेल्टा प्लस लगातार महाराष्ट्र में अपने पांव पसारे हुए है अब तक राज्य में डेल्टा प्लस के 21 मामले सामने आ चुके हैं जिसमें 9 मामले रत्नागिरी, जलगांव में 7 मामले, मुंबई में दो और सिंधुदुर्ग जिले में एक -एक मामला सामने आया है।


कोविड-19 के संक्रमित मरीजों में हुआ डेल्टा प्लस का संक्रमण


महाराष्ट्र के स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे का कहना है कि महाराष्ट्र के विभिन्न हिस्सों से 7500 नमूने जांच के लिए भेजे गए थे जिनका 15 मई तक जीनोम अनुक्रमण किया जा चुका है जिसमें सोर्स कोविड-2 में छोटे से छोटी उत्परिवर्तन का पता चला है। स्वास्थ्य मंत्री का कहना है कि जीनोम अनुक्रमण के यह मामले उन मरीजों में भी देखने को मिल रहे हैं जिन्हें पहले भी कोरोना कोविड का टीका भी लग चुका था फिर भी वह दोबारा संक्रमित हुए हैं।


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वैक्सीन होगी बेअसर


स्टडी के मुताबिक अभी तक करोना के अल्फा वैरीअंट की वैक्सिन सामने आई थी जो कोरोनावायरस से कुछ हद तक मुक्ति दिलाने में सक्षम थी लेकिन डेल्टा प्लस वैरीअंट की अभी तक कोई वैक्सीन सामने नहीं आ पाई है अतः कहा जा सकता है कि कोरोना के डेल्टा प्लस वैरीअट में पुनः कोविड-19 व्यक्तियों में संक्रमण का खतरा देखने को मिल सकता है।


डेल्टा प्लस वेरिएंट से शरीर को रोगों से लड़ने की क्षमता में थोड़ी कमी आ सकती है कहा जा रहा है कि डेल्टा वैरीअंट आ जाने के बाद से फाइजर बायोटेक की वैक्सीन से मिलने वाला बचाव 79 फीसदी कम हो गया है वही ऑक्सफोर्ड की एक रिपोर्ट के मुताबिक एस्ट्रेजेनका की वैक्सीन की दोनों डोज से अल्फा वैरीअंट का सुरक्षा कवच 66 फ़ीसदी से घटकर डेल्टा वेरिएंट तक 60 फ़ीसदी हो गया है। वैज्ञानिकों के मुताबिक फाइजर की वैक्सीन 88 फीसदी तथा ऑक्सफोर्ड का टीका डेल्टा प्लस वेरिएंट में 66 फीसदी तक असरदार होगा।

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