Biography of Atal Bihari Vajpayee in Hindi
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भारत के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी | Biography of Atal Bihari Vajpayee

"भारत रत्न" "अजातशत्रु" उपनाम से मशहूर बाजपेयी का विराट व्यक्तित्व युगपरिवर्तक रहा है उन्होंने भारत को नई ऊर्जा और दिशा दी। वर्तमान भारत को गढ़ने में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका रही है। एक अच्छे राजनेता होने के साथ-साथ बाजपेई एक अच्छे कवि पत्रकार और लेखक भी रहे हैं। शब्दों को नापतोल के बोलना बाजपेयी के व्यक्तित्व की बड़ी खूबी रही है ।अपनी वाकपटुता के कारण बाजपेयी को भारत का सबसे लोकप्रिय प्रधानमंत्री माना जाता है।


जीवन परिचय (Atal Bihari Vajpayee Life Introduction) 


अटल बिहारी वाजपेयी का जन्म 25 दिसंबर 1942 को मध्य प्रदेश, ग्वालियर के एक ब्राह्मण परिवार में हुआ था। इनके पिता का नाम पंडित कृष्ण बिहारी बाजपेई और माता का नाम कृष्णा देवी था। ये सात भाई- बहन थे जिनमें चार भाई और तीन बहने थी। बाजपेई आजीवन अविवाहित रहे इनकी एक दत्तक पुत्री है जिसका नाम है नामिता भट्टाचार्य।


प्रारंभिक शिक्षा (Atal Bihari Vajpayee Education)  


अटल बिहारी बाजपेयी का जन्म एक पढ़े-लिखे परिवार में हुआ था जहां पर पढ़ाई को काफी महत्व दिया जाता था। इनकी स्कूली शिक्षा सरस्वती शिशु मंदिर गोरखि, बारा, ग्वालियर से हुई। राजनीति शास्त्र विषय में वाजपेयी ने एम .ए किया है। इन्हें कॉलेज की डिग्री विक्टोरिया कॉलेज ग्वालियर से प्राप्त हुई है। छात्र जीवन में वे राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के स्वयंसेवक बने और तभी से राष्ट्रीय स्तर की वाद विवाद प्रतियोगिता में भाग लेते रहे।


राजनीति सफर (Political Career of Atal Bihari Vajpayee) 


डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी और पंडित दीनदयाल उपाध्याय के निर्देशन में बाजपेयी ने राजनीति का पाठ पढ़ा। भारतीय जनसंघ की स्थापना का श्रेय भी वाजपेयी को जाता है। 1959 से 1973 तक वे जनसंघ के अध्यक्ष रहे।


1952 में पहली बार लोकसभा का चुनाव लड़ना (First Loksabha Election)  


अपने राजनीतिक सफर में बाजपेयी ने पहली बार 1952 में लोकसभा का चुनाव लड़ा किंतु उन्हें सफलता नहीं मिली। इसके पश्चात 1957 में बलरामपुर, गोंडा, उत्तर प्रदेश से जनसंघ के प्रत्याशी के रूप में विजयी होकर लोकसभा पहुंचे। लगातार 20 वर्षों तक बाजपेयी जनसंघ के संसदीय दल के नेता रहे। जब मोरारजी देसाई भारत के प्रधानमंत्री थे तो इस दौरान बाजपेयी ने विदेश मंत्री का पद संभाला और विदेशों में भारत की नई छवि बनाई।


1980 में भारतीय जनता पार्टी की स्थापना और प्रधानमंत्री बनना (The Foundation of Bhartiya Janta Party or BJP)  


6 अप्रैल 1980 को बनी भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष के तौर पर वाजपेयी को उत्तरदायित्व सौंपा गया। दो बार राज्यसभा के लिए निर्वाचित होने के बाद वर्ष 1996 में उन्होंने देश के प्रधानमंत्री पद की बागडोर संभाली। बाजपेई तीन बार भारत के प्रधानमंत्री रहे। पहले 13 दिन, फिर 13 महीने इसके बाद 19 अप्रैल 1998 को उन्होंने प्रधानमंत्री पद की शपथ ली और 13 दलों की गठबंधन सरकार ने 5 वर्षो में देश के अंदर अनेक प्रगतिशील कार्य किए।


प्रधानमंत्री कार्यकाल के दौरान बाजपेयी द्वारा किए गए कार्य (Prime Minister Atal Bihari Vajpayee)


अपने प्रधानमंत्री कार्यकाल में बाजपेयी ने अनेक बहुआयामी  और प्रगतिशील कार्य राष्ट्र निर्माण हेतु किए। भारत को परमाणु शक्ति संपन्न राष्ट्र बनाने में वाजपेई की महत्वपूर्ण भूमिका रही उन्होंने 11 और 13 मई 1998 को पांच भूमिगत परमाणु परीक्षण कर भारत को परमाणु शक्ति संपन्न  देश बनाया।


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  • पाकिस्तान से संबंधों को सुधारने हेतु 19 फरवरी 1999 को "सदा-ए- सरहद" नाम से लाहौर बस सेवा की शुरुआत की।
  • 1999 में हुए कारगिल युद्ध में पाकिस्तान की सीमा का उल्लंघन करने की अंतरराष्ट्रीय सलाहकार सम्मान करते हुए धैर्य पूर्वक ठोस कार्यवाही करते हुए भारतीय क्षेत्र को मुक्त करवाया।
  • दिल्ली, मुंबई, कोलकाता, चेन्नई भारत के चारों कोनों को जोड़ने की लिए "स्वर्णिम चतुर्भुज" परियोजना की शुरुआत की।
  • कावेरी जल विवाद, प्रौद्योगिकी उन्नति, राजमार्गों, हवाई मार्ग, सुरक्षा, व्यापार, उद्योग, आवास निर्माण आदि बहुआयामी कार्यों को करने में वाजपेयी ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।


कवि के रूप में (Poet Atal Bihari Vajpayee)  


वाजपेयी के पिता कृष्णा वाजपेयी हिंदी व ब्रज के सिद्धस्त कवि थे। पारिवारिक वातावरण साहित्यिक और काव्यमय होने के कारण उनकी रगों में काव्य रस अनवरत घूमता रहा। बाजपेई में काव्य गुण वंशानुगत रहे हैं। वह एक कुशल राजनीतिज्ञ होने के साथ-साथ कवि और लेखक भी रहे हैं। उन्होंने 51 कविताओं का एक काव्य संग्रह लिखा है। इनकी प्रथम कविता "ताजमहल" थी जिसमें उन्होंने ताजमहल के कारीगरों के शोषण के भाव को उजागर किया है। वाजपेई को देशहित से अथाह प्रेम था "हिंदू तन मन, हिंदू जीवन, रग -रग हिंदू मेरा परिचय" कविता के माध्यम से उन्होंने इस बात की पुष्टि की है।


रचनाएं (Poetic Work of Atal Bihari)  


अटल जी की कुछ प्रमुख प्रकाशित रचनाएं इस प्रकार हैं

रग रग हिंदू मेरा परिचय, मृत्यु या हत्या, अमर बलिदान, कैदी कविराय की कुंडलियां, संसद में तीन दशक, अमर आग है, कुछ लेख :कुछ भाषण, सेक्युलर वाद, राजनीति की रपटीली राहें, बिंदु- बिंदु विचार इत्यादि।

इसके अतिरिक्त बाजपेई ने इक्यावन बहुचर्चित काव्य संग्रह 1995 में प्रकाशित की जिसमें उनके बहुआयामी व्यक्तित्व के दर्शन होते हैं।


पुरस्कार (Rewards and Recognition)  


अपने बहुआयामी व्यक्तित्व ,सर्वोतमुखी विकास और  असाधारण कार्यों के लिए बाजपेई को समय-समय पर अनेक पुरस्कार प्रदान किये गये।

  • वर्ष 1952 में उन्हें "पदम विभूषण", 
  • 1993 में D.LT  कानपुर विश्वविद्यालय ,
  • 1994 में "लोकमान्य तिलक पुरस्कार", "श्रेष्ठ सांसद पुरस्कार", "भारत रत्न पंडित गोविंद बल्लभ पंत" पुरस्कार प्रदान किया गया।
  • वर्ष 2014 में D.LT मध्य प्रदेश विश्वविद्यालय 
  • 2015 में "फ्रेंड्स ऑफ बांग्लादेश लिबरेशन वॉर अवार्ड" और 2015 में "भारत रत्न" से सम्मानित किया गया।


व्यक्तिगत जीवन (Personal Life)


बाजपेई आजीवन अविवाहित रहे उनकी एक दत्तक पुत्री है जो उनके दोस्त राजकुमारी कॉल और बी एन कॉल की बेटी है जिसका नाम है नमिता भट्टाचार्य इनका विवाह रंजन भट्टाचार्य के साथ हुआ है बाजपेई इनके ही साथ रहते थे।

बाजपेई का मानना था कि "छोटे मन से कोई बड़ा नहीं होता और टूटे मन से कोई खड़ा नहीं होता", "जीत और हार जीवन का एक हिस्सा है जिसे समानता के साथ देखा जाना चाहिए"। 11 जून 2018 में किडनी संक्रमण और अन्य स्वास्थ्य समस्याओं की वजह से 16 अगस्त 2018 को इस "भारत रत्न" का देहावसान हो गया। राष्ट्रहित से उनका अथाह प्रेम और प्रगतिशील  विचारधाराएं मानव हित के लिए सदैव प्रेरणादायी रहेंगी।


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