Covid 19 Vaccination Protocols,
हेल्थ

भारत में कोरोना वैक्सीनेशन की अब तक की रिपोर्ट। COVID-19 Vaccination Report In India

कोरोनावायरस जैसे बडे और भयंकर संक्रमण से उबरने के लिए पूरा विश्व प्रयासरत रहा है। अब दुनियाभर के देश कोरोना वायरस को खत्म करने के लिए एकजुट होकर लड़ाई लड़ रहे हैं। हालांकि अभी तक कोरोनावायरस का कहर समाप्त होता नजर नहीं आ रहा है परंतु फिर भी दुनिया के लगभग सभी देशों में कोरोना वैक्सीन की मंजूरी दी जा चुकी है और कई देशों में तो लोगों को वैक्सीन दिए जाने की प्रक्रिया भी शुरू हो चुकी है। भारत में भी कोरोना वैक्सीन दिए जाने के अभियान की शुरुआत 16 जनवरी 2021 से हो चुकी है।

वैक्सीनेशन के मामले में ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया ने दो वैक्सीन के उपयोग की मंजूरी प्रदान की है। यह दो वैक्सीन कोविशील्ड और कोवैक्सीन नाम से निर्मित की गई हैं। इनमें से कोविशील्ड वैक्सीन को सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया कंपनी निर्मित कर रही है और कोवैक्सीन को बायोटेक तथा आईसीएमआर की सहायता से निर्मित किया जा रहा है। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि कोवैक्सीन एक ऐसी वैक्सीन है जो संपूर्ण रूप से भारत द्वारा स्वयं विकसित की गई है। इसे स्वदेशी वैक्सीन कहा जा सकता है। दूसरी ओर कोविशील्ड वैक्सीन को ऑक्सफोर्ड एस्ट्रोजेनेका का एक संस्करण बताया जा रहा है।


कुछ प्रोटोकॉल जानने हैं जरूरी (Covid 19 Vaccination Protocols)


सरकार द्वारा इस अभियान की शुरुआत में ही कुछ प्रोटोकॉल लागू करने के निर्देश दिए गए थे। इन प्रोटोकॉल के अनुसार सर्वप्रथम कोविड-19 की यह वैक्सीन हेल्थ केयर कर्मियों जिनमें डॉक्टर, नर्स, स्वास्थ्य तथा पैरामेडिक्स से संबंधित लोगों को दिया जाना निश्चित किया गया था। सरकारी और प्राइवेट दोनों तरह के हॉस्पिटल को मिलाकर इन स्वास्थ्य कर्मियों की संख्या 80 लाख से एक करोड़ के मध्य बताई गई थी।
इसके बाद दूसरे चरण में फ्रंटलाइन वर्कर जिनमें पैरामिलिट्री फोर्सेस, पुलिसकर्मी, सैनिटाइजेशन वर्कर्स और फौज के लोग शामिल हैं, उन्हें कोरोना वैक्सीन लगवाई जाएगी। तत्पश्चात भारतीय नागरिक जो किसी गंभीर बीमारी से ग्रसित हैं उन्हें यह वैक्सीन लगवाई जाएगी, फिर चाहे वे लोग 50 वर्ष से ऊपर की उम्र के हो या 50 से कम के। इसके बाद अन्य भारतीय नागरिकों को कोरोना वैक्सीन की डोज दी जाएगी। इसमें उन क्षेत्रों को प्राथमिकता दी जाएगी जिनमें कोरोना संक्रमण के अधिक मामले सामने आए हैं।


क्या है देश में कोरोना संक्रमण की स्थिति (Current Status of Covid 19 in India as of Today) 

कोरोना वायरस से छुटकारा पाने के लिए कोरोना वैक्सीनेशन अभियान की शुरुआत भारत में हो चुकी है और अब इस अभियान में तेजी देखने को भी मिल रही है। कोरोना संक्रमितों की संख्या की बात की जाए तो यह संख्या एक बार फिर बढ़ कर सामने आई है। दरअसल पिछले 24 घंटों में देश में संक्रमण के 12,689 मामले सामने आए हैं। इन्हें जोड़कर अब देश में कोरोना के कुल  1,06,89,527 मामले हो गए हैं। लगातार छठवें दिन देश में 15 हजार से कम मामले देखने को मिले हैं। कोरोना के कारण अपनी जान गंवाने वाले संक्रमितों की बात की जाए तो स्वास्थ्य मंत्रालय की रिपोर्ट के अनुसार कुल 139 कोरोना संक्रमितों ने अपना दम तोड़ा है। इसके बाद कोविड-19 से मरने वाले लोगों की संख्या 1,53,724 हो गई है।
राहत की बात यह है कि संक्रमित होने वालों से ज्यादा ठीक होने वालों की संख्या बढ़ रही है। इसके साथ देश में कोरोना का इलाज करा रहे संक्रमितों की संख्या 17,64,598 है। यह संख्या देश में उपस्थित कुल मामलों का 1.65% बताई गई है। अब कोविड-19 संक्रमण से मुक्त होने वाले मरीजों की बात की जाए तो यह संख्या 1,03,59,305 हो गई है। इससे भारत का रिकवरी रेट बढ़ कर 6.91% हो गया है। अब देश कोरोना को मात देने की तरफ बढ़ रहा है।


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कहाँ तक पहुँचा टीकाकरण अभियान (Current Status of the Vaccination Campaign)


देश भारत में कोरोना वैक्सीन अभियान की बात की जाए तो वैक्सीन लगवाने वाले लोगों की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है। देश में वैक्सीनेशन लगभग 20 लाख लोगों के पार हो गया है अर्थात् 20 लाख से भी अधिक लोगों को कोरोना वैक्सीन लगवाई जा चुकी है। मंगलवार को 26 जनवरी, देश का गणतंत्र दिवस होने के कारण केवल कुछ ही राज्यों में टीकाकरण कार्यक्रम चलता रहा। इसलिए वैक्सीनेशन की बात की जाए तो 20,29,480 से अधिक लोगों पर वैक्सीन लगवाई गई है। इस वैक्सीनेशन के 11वें दिन टीका लगाने से होने वाले साइड इफेक्ट के 6 मामले सामने आए हैं। हालांकि अब भी सरकार द्वारा नागरिकों से बार-बार सावधानियां बरतने की अपील की जा रही है क्योंकि वैक्सीन भले ही आ गयी हो परंतु कोरोनावायरस अभी पूरी तरह से गया नहीं है।

डिस्क्लेमर: यह टिप्स और सुझाव सामान्य जानकारी के लिए हैं, इन्हे किसी डॉक्टर या फिर स्वस्थ्य स्पेशलिस्ट की सलाह के तौर पर न लें, बिमारी या किसी संक्रमण की स्थिति में डॉक्टर की सलाह से ही अपना इलाज करवाएं।

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