अरुंधति रॉय ने इस पुस्तक के माध्यम से यह दावा किया है कि, अंबेडकर की राजनीति के इस प्रथम आंदोलन में जिसे महाद आंदोलन या यहां सत्याग्रह के नाम से भी जाना जाता है, इसमें वीर सावरकर जी ने भी भाग लिया था, और अपनी भूमिका इस आंदोलन में प्रदर्शित की थी। और पढ़ें