20 मार्च 1931 को पंजाब के गवर्नर को लिखे गए एक पत्र से यह बात पता चलती है कि शहीद-ए-आजम (भगत सिंह) का मानना था कि वे आजादी के सिपाही हैं और उन्हें फांसी देने की बजाय सैनिकों जैसी शहादत देते हुए उनके सीने पर गोली मारी जाए। और पढ़ें
5 अप्रैल को दिल्ली के सीताराम बाजार के घर में उन्होंने सुखदेव को यह पत्र लिखा था जिसे शिव वर्मा ने उन तक पहुंचाया। यह 13 अप्रैल को सुखदेव की गिरफ्तारी के वक्त उसके पास से बरामद किया गया और लाहौर षड्यंत्र केस में सबूत के तौर पर पेश किया गया। और पढ़ें