Shayar

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कोई उम्मीद बर नहीं आती - ग़ालिब


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मैं नारा-ए-मस्ताना , मैं शोख़ी-ए-रिंदाना -


वासिफ अली वासिफ के द्वारा रचित यह शायरी पड़ने में एक मस्ती का भाव प्रदान करती है। और पढ़ें

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गजलकार 'कवि दुष्यंत कुमार' जी की कुछ अद्भुत गजलें। Amazing Ghazals of Poet Dushyant Kumar


ग़ज़ल विधा को प्रचलन में लाने वाली प्रसिद्ध गजल कार या यूं कहें कि गजलों के राजकुमार 'दुष्यंत कुमार' जी जिन्होंने समाज की वेदना , पीड़ा, भाव को अपनी अद्भुत रचना से गजल विधा में ढाल कर जनमानस की आवाज अपनी गजलों के माध्यम से उठाई इनकी गजलें इतनी लोकप्रिय हुई और पढ़ें

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क्यों आज भी लोग हैं अंदाज़-ए-बयां के कायल | Poet Lyricist Rahat Indori


शायर राहत इंदौरी का जन्म 1950 में हुआ था। इंदौर में उनकी स्कूली शिक्षा हुई और उसके बाद उन्होंने उर्दू साहित्य में एमए और पीएचडी की। वे 30 सालों तक इंदौर के एक कॉलेज के प्रोफ़ेसर भी रहे थे। राहत इंदौरी का असली नाम कुरैशी था। और पढ़ें