"स्मृतियों के स्वर्णिम" दिन कवि सुशील राकेश द्वारा रचित एक ऐतिहासिक साहित्य दस्तावेज है इसमें सिर्फ स्मृतियां ही नहीं अपितु साहित्यिक गतिविधियां में होने वाले राजनीतिक हस्तक्षेप को आज के साहित्यिक आयोजन, पुरस्कार, सम्मेलनों के संदर्भ में दशा- दिशा को उस दौर की रोशनी में समझने और पढ़ें