Long working hours can take your life
हेल्थ

WHO ने किया अलर्ट की Long Working Hours की आदत ले सकती है आपकी जान

महामारी के इस दौर में ना सिर्फ कोरोना वायरस ही खतरनाक है बल्कि देर तक काम करने और करवाने की आदत भी जानलेवा हो सकती है। इस संबंध में WHO ने आगाह किया है कि कोरोना वायरस के दौर में यह आदत खतरनाक साबित हो सकती है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के तकनीकी अधिकारी फ्रेंक पेगा ने बताया कि हमारे पास कुछ प्रूफ है जो दिखाते हैं कि जब लॉकडाउन जैसे फैसले लिए जाते हैं तो कामकाजी घंटों की संख्या में लगभग 10 फ़ीसदी की बढ़ोतरी होती है। यानी कि इसका सीधा असर कर्मचारियों के स्वास्थ्य जीवन पर पड़ता है जो उनके लिए काफी खतरनाक है।


वैश्विक स्तर पर इससे होने वाले गंभीर परिणामों से WHO ने बताया कि अब यह आदत बदलने की जरूरत है क्योंकि लंबे समय तक काम करने से स्वास्थ्य पर बुरा असर एक बड़े पैमाने पर पड़ रहा है। WHO के मुताबिक वर्ष 2016 में लंबे समय तक काम करने के कारण 7,45,000 लोगों की स्ट्रोक और हृदय संबंधी बीमारियों से मौत हुई थी। इन आंकड़ों और शोध से यह बातें सामने आती है कि देर समय तक काम करना कितना नुकसानदायक होता है। किसी भी चीज को भारत बनाना से वह नुकसानदायक साबित होने लगती है ठीक वैसा ही अब लंबे समय तक काम करने की आदत है खतरनाक और नुकसानदायक हो सकती है जिस कारण हमें यह आदत बदलनी होगी। Long working hours से कुछ महत्वपूर्ण तथ्य इस प्रकार से निकलकर सामने आए हैं जो कि आपको जानना जरूरी है।


अधिकतर पुरुष हुए पीड़ित


लंबी कामकाजी को लेकर WHO और अंतर्राष्ट्रीय श्रम संगठन द्वारा किए गए एक संयुक्त अध्ययन से यह बातें सामने आई है कि अधिकांश पीड़ित (72%) पुरुष थे जो कि मध्यम आयु या उससे अधिक उम्र के थे। अध्ययन से इस बात की भी जानकारी मिली कि देर समय तक काम करने का प्रभाव काफी समय बाद देखने को मिलता है यानी कि प्रभावित पुरुष में लक्षणों की पुष्टि एक लंबे समय बाद सामने आती है। लंबे शिफ्ट में काम करने वालों के शरीर पर विपरीत प्रभाव होते रहते हैं जो सालों बाद एक बड़े खतरे के रूप में उभर कर सामने आते हैं और कई बार तो इनसे बचना भी मुश्किल हो जाता है इसलिए लंबे कामकाजी घंटों से बचना चाहिए और इसे आदत बनने से रोकना चाहिए।


हृदय रोग में 42% का इजाफा


हृदय संबंधी बीमारी का एक बड़ा कारण लंबे कामकाजी का होना बताया जाता है। डब्ल्यूएचओ के तकनीकी अधिकारी फ्रैंक पेगा एक न्यूज ब्रीफिंग में बताया कि देर तक काम करना काफी खतरनाक हो सकता है और आंकड़े इस बात का प्रूफ दे रहे हैं। उन्होंने बताया कि 2000 से 2016 तक यानी 16 सालों में हृदय संबंधी बीमारियों में होने वाली मौतों में अनुमानित 42% की बढ़ोतरी दर्ज की गई थी, जबकि स्ट्रोक की मामलों में 19% की वृद्धि दर्ज की गई। यह सभी आंकड़े बताते हैं कि स्थिति अच्छी नहीं है और आगे यह और भयावह हो सकती है।


लॉकडाउन में काम में बढ़ोतरी


वैश्विक महामारी कोरोना ने जीवन को बुरी तरह से प्रभावित किया है। दुनिया का शायद ही ऐसा कोई कोना होगा जो कि इस वायरस से अछूता रहा हो। कोरोना संक्रमण की चेन को तोड़ने के लिए दुनिया के साथ-साथ भारत में भी लॉकडाउन लगाया गया है जिससे कामकाजी लोग घर से ही work-from-home की जिम्मेदारी निभा रहे हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन के अधिकारी फ्रैंक पैगा ने कहा कि हमारे पास कोई सबूत है जो दिखाते हैं कि देश में जब लॉकडाउन जैसे फैसले लिए जाते हैं तो कामकाजी घंटों की संख्या में लगभग 10% की वृद्धि देखने को मिलती है यानी यह कि इसका सीधा असर कर्मचारी के स्वास्थ्य पर पड़ता है। इस वृद्धि को देखते हुए उन्होंने कुछ कर्मचारियों को कामकाजी में कमी लाने जाना काफी फायदेमंद हो सकता है क्योंकि इससे कर्मचारियों की उत्पादकता में बढ़ोतरी देखी गई है।हालांकि पेगा ने यह भी कहा कि इस महामारी में आर्थिक संकट के दौर में देर तक काम करवाने से बचना एक अच्छा विकल्प है।


ये देश है सबसे ज्यादा प्रभावित


वैसे तो इस दौर में सभी जगह लोंग वर्किंग अवर्स बढ़ गया है लेकिन फिर भी WHO के मुताबिक साउथ ईस्ट एशिया और पश्चिमी प्रशांत क्षेत्र में रहने वाले लोग; जिनमें चीन, जापान और ऑस्ट्रेलिया शामिल है सबसे ज्यादा प्रभावित रहे। एक अध्ययन में कहा गया है कि सप्ताह में 55 घंटे या उससे अधिक काम करने से स्ट्रोक का खतरा 35% और हृदय संबंधी रोगों का खतरा 17% अधिक हो जाता है जो जो कि स्वास्थ्य जीवन के लिए काफी चिंताजनक विषय है। जहां डब्ल्यूएचओ ने यह जरूर बताया है कि देर तक काम करना नुकसानदायक होता है परंतु डब्ल्यूएचओ ने यह स्पष्ट नहीं किया कि इस वैश्विक महामारी में कितने घंटे काम करना सही है।


आज लॉकडाउन जैसी स्थिति में हर एक व्यक्ति पर आर्थिक मार पड़ी है लेकिन काम के साथ-साथ अपने स्वास्थ्य पर भी जरूर ध्यान दें और देर समय तक काम करने से बचें, क्योंकि जब स्वास्थ्य सही रहेगा तभी हम कोई कार्य कर सकेंगे।

डिस्क्लेमर: यह टिप्स और सुझाव सामान्य जानकारी के लिए हैं, इन्हे किसी डॉक्टर या फिर स्वस्थ्य स्पेशलिस्ट की सलाह के तौर पर न लें, बिमारी या किसी संक्रमण की स्थिति में डॉक्टर की सलाह से ही अपना इलाज करवाएं।

Trending Products (ट्रेंडिंग प्रोडक्ट्स)