Mischief of children - when will the school finally open
एजुकेशन

बच्चों की शरारतों से परेशान - आखिर कब खुलेंगे स्कूल

कोरोना काल के चलते सभी स्कूल कॉलेजों के बंद होने के कारण बच्चों के भविष्य पर खतरा मंडरा रहा है  कोरोना का एक के बाद एक वेरियंट सामने आ रहा है दो साल से चल रही यह बीमारी आए दिन अपने अलग-अलग रूपों में सामने आ रही है जिससे सामाजिक, आर्थिक आदि तमाम प्रकार  से जीवन अस्त व्यस्त हो चुका है जब भी  संक्रमित मरीजों की संख्या में कमी देखने को मिल रही है तो कुछ समय बाद करोना अपने दूसरे रूप में आकर मानव जीवन को क्षति पहुंचा रहा है हालांकि कोरोना काल के चलते मानव जीवन का हर एक पक्ष व्यापक रूप से प्रभावित हो रहा है लेकिन स्कूल कॉलेजों के ताले कब खुलेंगे यह बात भी स्पष्ट नहीं हो पा रही है दूसरी लहर की धीमी पड़ने और तीसरी लहर के बीच स्कूल कॉलेज कब खुलेंगे आइए जानते हैं-


भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान के चीफ डॉक्टर रणदीप गुलेरिया ने एएनआई को दिए अपने एक बयान में कहा है कि स्कूल और कॉलेजों को खोलने पर हमें तेजी से काम करना चाहिए क्योंकि यह युवा पीढ़ी के ज्ञान और भविष्य का विषय है हालांकि कोरोना काल के चलते स्कूली शिक्षा को ऑनलाइन शिक्षा का रूप दे दिया  गया है लेकिन हमारे देश में आज भी एक ऐसा वर्ग निवास करता है जो संसाधनों के अभाव में ऑनलाइन कक्षाओं में नहीं जा पाते हैं ऐसे में एकमात्र विकल्प स्कूल जाकर शिक्षा ग्रहण करना रह जाता है। एम्स चीफ डॉक्टर गुलेरिया का कहना है कि ऑनलाइन कक्षा से कई ज्यादा फिजिकल स्कूल उपयोगी है फिजिकल स्कूलों में पठन-पाठन के अतिरिक्त चारित्रिक विकास जैसी अन्य गतिविधियां भी कराई जाती हैं डॉक्टर गुलेरिया ने अपने बयान में कहा कि हमें उन रणनीतियों और प्रयासों पर काम करना चाहिए जिनसे स्कूल जल्द से जल्द खुल सकें।


क्या कहना है भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान के प्रमुख डॉक्टर रणदीप गुलेरिया का

   

करोना की पहली लहर के मंद पड़ने के बाद स्कूल और कॉलेज खुलने शुरू हो चुके थे लेकिन दूसरी लहर के आते ही स्कूल, कॉलेजों पर पुनः ताला लगा दिया गया ऐसे में बालकों का भविष्य एक सोचनीय विषय बन चुका है। भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान के प्रमुख डॉक्टर गुलेरिया का कहना है कि कोरोना की वैक्सीन और टीका लगने के बाद ही स्कूल और कॉलेज के खुलने का रास्ता साफ हो सकता है कहा जा रहा है कि सितंबर माह तक भारत बायोटेक के को- वैक्सीन 2 से 18 साल के बच्चों पर दूसरे और तीसरे चरण के परीक्षण आंकड़ों के सामने आने के बाद ही स्कूल और कॉलेज विधिवत रूप से खुलने के आसार हैं।


फाइजर का टीका कॉलेज, स्कूल खोलने में हो सकता है कारगर 

     

डॉक्टर गुलेरिया का कहना है की यदि फाइजर के टीके को जल्द ही मंजूरी मिल जाती है तो यह टीका स्कूल खोलने में मददगार हो सकता है इसके अलावा जाएडस कैडिला कंपनी ने भी "जयकोव -डी" के आपातकालीन इस्तेमाल को मंजूरी देने का आवेदन भारत में किया है जिसे वयस्कों और बच्चों में ट्रायल के बाद रिजल्ट देखने होंगे यह भी एक अच्छा विकल्प माना जा रहा है।


महामारी से उभरने के लिए टीकाकरण है बेहद आवश्यक

 

जब तक प्रत्येक व्यक्ति kovid-19 का टीका नहीं लगवा लेता परिस्थितियां यथास्थिति बनी रहेंगी गुलेरिया का कहना है कि यदि बच्चों में कोविड के हल्के लक्षण देखने को मिल रहे हैं लेकिन वे संक्रमण के वाहक के रूप में कार्य करते हैं महामारी के कारण जहां एक और पढ़ाई व्यापक रूप से प्रभावित हुई है  वहीं दूसरी ओर विद्यालय के खुलने से पूर्व टीकाकरण  करना भी बेहद आवश्यक है।


बच्चों में देखने को मिलेगा महामारी का संक्रमण


स्वास्थ्य मंत्रालय का कहना है कि भले ही कोविड-19 से बच्चे ज्यादा प्रभावित नहीं हुए हो लेकिन अगर यह वायरस  इसी गति से अपने व्यवहार और संक्रमण का रूप बदलता रहे तो वह दिन दूर नहीं जब इसकी तीसरी लहर से बच्चे संक्रमित ना हो इसलिए हमें किसी भी हाल में इन परिस्थितियों से निपटने की पूर्व योजना बना लेनी होगी।

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