Adani group stock price story in hindi
बिज़नेस

जानिये क्या है अडानी ग्रुप के शेयरों के उछाल और अब गिरावट की कहानी

अडानी ग्रुप के शेयरों में बीते कुछ दिनों में काफी उतार-चढ़ाव देखने को मिल रहा है। परंतु पिछले साल से लेकर अब तक के इस ग्रुप के शेयर्स में काफी बढ़ोतरी देखने को मिली है। इस कारण ही अडानी ग्रुप के चेयरमैन गौतम अडानी के नेटवर्थ में भी काफी अधिक बढ़त हुई है। परंतु इस बढ़त को जानकार लोग संदेह की तरह से देख रहे हैं और उन्हें यह बात पच नहीं रही है। दरअसल अडानी ग्रुप के शेयर बाजार में छह कंपनियां शामिल हैं और इन कंपनियों में से लगभग 5 कंपनियों के शेयर में जनवरी 2020 से 11 जून 2021 तक के एक साल में देखा जाए तो करीब 10 गुना की बढ़ोतरी दर्ज की गई है। 


अडानी ग्रुप के अलावा बाकी हर कंपनी का मार्केट कैप 11 जून तक 1.7 लाख करोड़ रुपए से अधिक हो गया था। जबकि अडानी के सभी छह कंपनियों का मार्केट कैप 9.5 लाख करोड़ रुपए को भी पार कर चुका था। यही एकमात्र कारण है कि अडानी ग्रुप के चेयरमैन गौतम अडानी एशिया के सबसे रईस व्यक्तियों की श्रेणी में दूसरे स्थान पर पहुंच चुके थे और उनका स्वयं का नेटवर्थ बढ़कर 77 अरब डालर तक पहुंच चुका था। हालांकि 14 जून को अदानी ग्रुप में निवेश करने वाले FPI के बारे में एनएसडीएल द्वारा की गई कार्यवाही के कारण एक खबर प्रसारित हुई और इस खबर ने अडानी ग्रुप के शेयरों को भी काफी नुकसान पहुंचाया है। जिसके कारण अडानी ग्रुप के शेयर्स में काफी उतार-चढ़ाव देखने को मिला है।


सामान्य से अधिक है उछाल


अडानी ग्रुप के शेयरों में हुई यह भारी उछाल काफी असामान्य बताई जा रही है। क्योंकि एक साल में ग्रुप के शेयरों में 122% से लेकर 189% तक की बढ़ोतरी हुई है। जबकि इस समय में निफ्टी और सेंसेक्स में 27 से 30 फ़ीसदी तक की बढ़त देखने को मिली है। इस कारण से अडानी ग्रुप से कई सवाल जवाब पूछे जा रहे हैं। परंतु उनकी तरफ से कोई भी स्पष्ट जवाब ना आने के कारण उनके बयानों से मिलने वाली जानकारी से यह कयास लगाए जा रहे हैं कि ग्रुप की 6 कंपनियों के पिछले एक वर्ष में इस शानदार प्रदर्शन की वजह से शेयर्स के दाम बढ़ रहे हैं। अडानी पोर्ट एंड SEZ ने 247 मीट्रिक टन कार्गो की हैंडलिंग भी की है। जो इस उद्योग के औसत से लगभग 3 गुना अधिक वार्षिक ग्रोथ को दिखाता है और इसी तरह से अडानी ग्रुप की सभी कंपनियों का वित्तीय प्रदर्शन काफी बेहतर रहा है।


हालांकि इस उद्योग से जुड़े हुए सभी जानकार लोग अडानी ग्रुप के शेयर्स में इतना उछाल देखकर काफी संदेह भरी स्थिति में हैं और वे इस बढ़ोतरी पर सवाल खड़े कर रहे हैं। दरअसल एनएसडीएल ने अडानी समूह में निवेश करने वाले FPI के खातों पर रोक लगाने संबंधी खबरें उड़ने के बाद से ही अडानी समूह के वैल्यूएशन में लगभग एक लाख करोड़ रुपए की कमी आई है। यह कमी उस समय है जब अडानी समूह तथा एनएसडीएल दोनों ने ही इन खबरों को गलत बताया है और इसके चलते 14 जून से 17 जून के बीच सिर्फ कुछ ही दिनों के अंतराल में गौतम अडानी का स्वयं का नेटवर्थ 10 अरब डॉलर घट चुका है और अब वे एशिया के सबसे धनी लोगों की सूची में तीसरे स्थान पर पहुंच चुके हैं।


कंपनी के शेयर में गिरावट है सही


इन उद्योगों के जानकार लोगों के अनुसार अडानी ग्रुप के शेयर में कमी बिल्कुल ठीक है। क्योंकि अडानी ग्रुप की सभी कंपनियां अपने समकक्ष की दूसरी कंपनियों की तुलना में काफी ओवरवैल्यूड हो गई थी। जैसे कि अडानी पॉवर, अडानी ग्रीन एनर्जी, अडानी ट्रांसमिशन जैसी सभी कंपनियों के शेयर में पिछले एक वर्ष में 200% से 600% की बढ़ोतरी दर्ज की गई है और इनका मार्केट कैप भी करीब 4 लाख करोड रुपए तक पहुंच चुका है। जबकि इन तीनों कारोबार में सक्रिय टाटा पावर कंपनी के शेयर्स में एक वर्ष में करीब 200% की ही बढ़ोतरी दर्ज की गई है। परंतु उसका मार्केट कैप 40 हजार करोड रुपए रहा है।

 

इस तरह से एक दूसरी कंपनी जेएसडब्ल्यू एनर्जी के शेयर में भी 235% की बढ़ोतरी दर्ज की गई है और उसका मार्केट कैप भी 27 हजार करोड़ रुपए का ही है। इस तरह से देखा जाए तो अडानी ग्रुप की कंपनियों के काफी ओवरवैल्यूड होने के चलते अब इनके शेयर्स में गिरावट बिल्कुल सही ठहराई जा रही है


अडानी समूह के कंपनियों के शेयर में हुई बढ़ोतरी के बाद जानकारों ने इस पर सवाल उठाने शुरू कर दिए हैं। नेशनल कैपिटल कंसलटिंग के मैनेजिंग पार्टनर के अनुसार अडानी समूह की कंपनियों के शेयरों में इतनी ज्यादा उतार-चढ़ाव छोटे निवेशकों की हार्ड मेंटालिटी के कारण हुआ है। इसके अलावा बाजार को यह लगता है कि अडानी समूह की कंपनियों की फंडिंग काफी बेहतर है और यह काफी मंदी वाले मार्केट में भी एक बढ़िया इंफ्रास्ट्रक्चर एसेट की सबसे बड़ी खरीद करने वालों में से एक कंपनी है।


दरअसल कुछ ऐसा ट्रेंड चल रहा है जिसमें प्रमोटर अपने कुछ दोस्तों और इनके संगठनों के साथ मिलकर अपनी पसंदीदा कंपनियों के शेयर की मांग में बढ़ोतरी कर देते हैं। इस कारण भी कई कंपनियों के शेयर में बढ़ोतरी होती है। इस प्रकार के ट्रेंड को लेकर अधिकतर लोग काफी चिंतित हैं। हालांकि शेयर बाजार के ऑपरेटर्स के मुताबिक प्रमोटर द्वारा अपने दोस्तों या उनके संगठन संगठनों को निश्चित रिटर्न का प्रलोभन देकर अपनी कंपनियों में निवेश के लिए प्रेरित किया जाता है। इन शेयरों की खरीद से यदि कोई नुकसान भी होता है तो प्रमोटर उसकी भरपाई भी कर देते हैं। इस प्रकार से देखा जाए तो जानकार लोगों के अडानी ग्रुप की कंपनियों के शेयर में इतनी उछाल पर सवाल उठाने वाजिब हैं। क्योंकि पिछले एक वर्ष में इस समूह की कंपनियों में जितना अधिक वैल्यूएशन देखा गया है उतना और किसी भी कंपनी का नहीं है।

डिस्क्लेमर: यह लेख केवल शैक्षिक उद्देश्य से लिखा गया है। किसी भी प्रकार इन्वेस्टमेंट करने से पहले आप अपने एडवाइजर से अवश्य परामर्श लें या उस से सम्बंधित दश्तावेज़ों का अध्यन अवश्य करें। हम आपके किसी भी फायदा या नुक्सान के लिए जिम्मेदार नहीं माने जायेंगे।

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