Gopal and Mittu by munshi premchand
स्टोरीज

मुंशी प्रेमचंद द्वारा रचित कहानी - गोपाल और मिठ्ठू

प्रेमचंद्र की इस 'गोपाल और मिट्ठू' की कहानी में दोस्ती, प्यार व सच्ची भावना का प्रदर्शन किया गया। इस कहानी में मिट्ठू एक बंदर रहता है जो कि अपने मालिक के साथ मदारी खेलों में शामिल रहता है। एक दिन की बात है जब लखनऊ में एक सर्कस कंपनी आई थी जिसके पास शेर, भालू, चीता और कई तरह के जानवर भी थे। इनके अलावा एक बंदर मिठू भी था। लड़कों के झुंड-के-झुंड रोज इन जानवरों को देखने आया करते थे जिनमें से उन्हें मिट्ठू सबसे पसंद था। उन्हीं लड़कों में गोपाल भी एक था जो रोज आता और मिट्ठू के पास घंटों चुपचाप बैठा रहता था। उसे अन्य किसी और जानवरों से प्रेम नहीं था वह सिर्फ मिट्ठू के लिए वहां आता था और घर से उसके लिए चने, मटर, केले आदि लेकर आता और उसे खिलाता था। 

इसी प्रकार हमेशा उनका मिलना होता था, मिट्ठू भी उससे इतना घुल गया था कि बिना उसके बगैर खाना नहीं खाता था। इस तरह दोनों में गहरी दोस्ती हो गई। एक दिन गोपाल ने सुना कि सर्कस कंपनी अब शहर से दूर जा रही है यह सुनकर वह बहुत भावुक हो गया और रोने लगा। उसने अपनी मां से अठन्नी मांगी और उसे खरीदने का मन बना लिया लेकिन उसकी मम्मी ने कहा कि बेटा बंदर किसी को प्यार नहीं करते, वे बड़े शैतान होते हैं, सबको काटते हैं, मुफ्त में लोगों की बातें सुननी पड़ेगी। लेकिन गोपाल पर मां की बातों का कोई फर्क नहीं पड़ा और वह रोने लगा और कहा कि मैंने उसे खरीदना है। तो आखिर मां ने मजबूर होकर उसे अठन्नी निकाल कर दे दी।


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अठन्नी पाकर गोपाल अत्यधिक प्रसन्न हुआ। अठन्नी लेकर मिट्ठू को खरीदने चला गया लेकिन मिट्ठू उसे वहां नहीं दिखाई दिया। गोपाल निराश होकर चला गया और मिट्ठू को इधर-उधर ढूंढने लगा। वह उसे ढूंढने में इतना मगन था कि उसे खबर नहीं कि वह बिल्कुल चीते के कटघरे के पास आ गया। चीता भीतर चुपचाप लेटा था। गोपाल को कटघरे के पास पाकर चीता अपना पंजा बाहर निकाल कर उसे पकड़ने की कोशिश करने लगा। गोपाल तो दूसरी तरफ देख रहा था इतने में मिट्ठू ना मालूम कहां से आकर उसके पंजे पर कूद पड़ा और पंजों को दांतों से काटने काटने लगा चीता ने  दूसरा पंजा निकालकर मिट्ठू को घायल कर दिया।

गोपाल को चीते से बचाकर मिट्ठू ने प्यार व दोस्ती का परिचय दिया। गोपाल उसे अपने साथ लेकर गया, उसकी कई दिनों तक मरहम पट्टी की। आखिर कंपनी ने भी उसे मिठू को बिना किसी शुल्क के दे दिया। उसने मिट्ठू को गोद में उठा लिया और दोनों खेलते-कूदते घर पहुंच गए।

इस प्रकार कहानी में दोनों ने एक दूसरे के प्रति सच्ची प्यार व भावना का परिचय दिया।


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