Written By Subhadra Kumari Chauhan
पुस्तक समीक्षा

सुभद्रा कुमारी चौहान द्वारा लिखी गयी एक सुन्दर कविता | Jhilmil Tare By Subhadra Kumari Chauhan

गांधीजी के असहयोग आंदोलन में भाग लेने वाली सुभद्रा कुमारी चौहान पहली महिला थी जिसके चलते उन्हें दो बार जेल भी जाना पड़ा था। वह एक रचनाकार होने के साथ-साथ स्वाधीनता संग्राम की सेनानी भी थीं। उनकी जीवनी उनकी पुत्री "सुधा चौहान" ने "मिला तेज से तेज" नामक पुस्तक में लिखी है। डॉ मंगला अनुजा की पुस्तक सुभद्रा कुमारी चौहान उनके साहित्यिक व स्वाधीनता आंदोलन के जीवन पर प्रकाश डालती है।

सुभद्रा कुमारी चौहान ने अनेक कृतियां लिखी है।उनकी रचनाएं अधिकतर देश प्रेम और राष्ट्रीयता की भावना पर आधारित  होती हैं। उनके द्वारा कविता संग्रह भी लिखे गए हैं इस कविता संग्रह में उनकी एक कविता है झिलमिल तारे ,जो इस प्रकार है-


कर रहे प्रतीक्षा किसकी हैं

झिलमिल झिलमिल तारे।

धीमे प्रकाश में कैसे तुम

चमक रहे मन मारे ।।


अपलक आंखों से कह दो

किस और निहारा करते हैं।

किस प्रेयसी पर तुम अपनी

मुक्तावली वारा करते।।


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करते हो अमिट प्रतीक्षा

तुम कभी ना विचलित होते।

नीरव रजनी अंचल में

तुम कभी न छिपकर सोते ।।


जब निशा प्रिया से मिलने

दिनकर निवेश में जाते।

नभ के सूने आंगन में तुम

धीरे-धीरे आते।।


विधवा से कह दो मन की 

लज्जा की जाली खोलो ।

क्या तुम भी विरह विकल हो

हे तारे कुछ तो बोलो।।


मैं भी वियोगिनी मुझसे 

फिर कैसी लज्जा प्यारे।

कह दो अपनी बीती को 

हे झिलमिल झिलमिल तारे।

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