Bata Company CEO Sandeep Katariya
बिज़नेस

बाटा कंपनी और उसके CEO के बारे में जानते हैं | Bata Company- Vocal for Local

भारत में जो भी लोग जूते पहनते होंगे उन्होंने बाटा (Bata) का नाम तो जरूर सुना होगा। भारत में जूते की कंपनी की चर्चा बिना बाटा के पूरी ही नहीं हो सकती। भारत में बाटा जूते का पर्याय बन चुका है। हर इलाके तक पहुंच के चलते ही इसे अक्सर भारतीय कंपनी भी समझ लिया जाता है। अगर आप भी यही समझते हैं तो गलत हैं। बाटा भारतीय कंपनी नहीं है। इतना ही नहीं भारत के इतने बड़े बाजार में प्रमुख हिस्सा रखने वाली इस कंपनी के 126 साल के इतिहास में आज तक कोई भारतीय इसका अंतरराष्ट्रीय व्यापार (ग्लोबल बिजनेस) का सीईओ नहीं बन पाया था। लेकिन अब कंपनी ने आखिरकार एक भारतीय को अपना ग्लोबल सीईओ नियुक्त किया है।

कंपनी ने 49 वर्षीय संदीप कटारिया  को बाटा का ग्लोबल सीईओ बनाया गया है। संदीप अभी तक बाटा इंडिया के सीईओ के रूप में भारत में कंपनी के बिजनेस की जिम्मेदारी संभाल रहे थे। अब वे ग्लोबल सीईओ के रूप में एलेक्सिस नासर  की जगह लेंगे।

इसके साथ ही कटारिया का नाम भी उन भारतीय हस्तियों में शामिल हो गया है जो दुनिया की जानी-मानी कंपनियों के सीईओ पद की जिम्मेदारी संभाल रहे हैं। इनमें सत्य नडेला माइक्रोसॉफ्ट, सुंदर पिचाई अल्फाबेट (गूगल), अजय बंगा मास्टरकार्ड की, अरविंद कृष्णा आईबीएम की, लक्ष्मण नरसिंहम रेकिट और इवान मेंजेस डिएगो जैसी कंपनी का बिजनेस संभाल रहे हैं।


कटारिया की शिक्षा 


कटारिया तत्काल प्रभाव से कंपनी के सीईओ का चार्ज लेंगे। पिछले 5 साल से कंपनी के सीईओ रहे एलेक्सिस नादर ने हाल ही में कंपनी छोड़ने की घोषणा की थी। नादर के कंटर (Kantar) ज्वाइन करने की बात कही जा रही थी। कटारिया ने आईआईटी दिल्ली से इंजीनियरिंग की पढ़ाई की। वे XLRI से बिजनेस मैनेजमेंट में 1993 बैच के गोल्ड मेडलिस्ट रहे। 49 साल के कटारिया पिछले 25 वर्षों में यूनिलीवर, यम ब्रांड्स, वोडाफोन इंडिया और यूरोप जैसी कंपनियों में काम कर चुके हैं। उन्होंने 2017 में बाटा इंडिया का सीईओ बनाया गया था।बाटा कंपनी का मुख्यालय स्विटजरलैंड में है। कंपनी के लिए फुटवियर व्यापार में भारत बहुत बड़ा बाजार है। कटारिया के नेतृत्व में कंपनी ने भारत में अपना व्यापार दोगुना तक बढ़ाया। इस दौरान युवाओं को लक्ष्य में रखते हुए नए अभियान चलाए गए जिसका फायदा कंपनी को बिजनेस के रूप में दिखा। बाटा इंडिया ने 2019-20 में 326 करोड़ को मुनाफा कमाया जबकि इस दौरान कंपनी का रेवेन्यू 3,053 करोड़ रहा।

बाटा इंडिया के चेयरमैन अश्विनी विंडलस कहते हैं कि "पिछले कुछ वर्षों में बाटा इंडिया ने फुटवियर मार्केट में असाधारण वृद्धि दर्ज की है। कंपनी ने उच्च प्रतिस्पर्धा वाले माहौल में खुद को मजबूत करते हुए रेवेन्यू और मुनाफे के साथ ही ग्राहकों को भी संतुष्ट किया है। बाटा समूह और बाटा इंडिया दोनों को संदीप के अनुभव का बहुत फायदा मिलेगा।"

अपने एक बयान में संदीप कटारिया ने कहा कि मैं इस नई नियुक्ति को स्वीकार कर बहुत ही सम्मानित महसूस कर रहा हूं और हमारे आगे की यात्रा को लेकर उत्साहित हूं। बाटा एक ब्रांड है जिसने सस्ते और उच्च गुणवत्ता वाले जूते बनाने के लिए एक प्रतिष्ठा अर्जित की है। मुझे भारत में बाटा की सफलता का हिस्सा होने का सौभाग्य मिला है और मैं दुनिया के लिए शोमेकर्स के रूप में अपने गौरवशाली, 120 साल के इतिहास पर आगे बढ़ने की आशा करता हूं।


चेक उद्यमी ने डाली थी कंपनी की नींव 


बाटा की स्थापना 1894 में थामस बाटा नामक उद्यमी ने चेक गणराज्य के ज्लिन (Zlil) शहर में की थी। उस समय ये शहर आस्ट्रिया-हंगरी का हिस्सा हुआ करता था। बाटा की पहचान जूते बनाने वाली दुनिया की अग्रणी के रूप में है। यही वजह है कि थामस बाटा को जूते के व्यापार का फोर्ड कहा जाता है। कंपनी सालाना अपने 5800 स्टोर पर 18 करोड़ फुटवियर बेचती है। कंपनी 70 देशों में अपना बिजनेस करती है जिसमें 35 हजार कर्मचारी काम करते हैं। वर्तमान में कंपनी का मुख्यालय स्विटजरलैंड में है।


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अंतरराष्ट्रीय फुटवियर कंपनी बाटा (Bata) शू ऑर्गेनाइजेशन ने कंपनी के भारतीय कारोबार के प्रमुख संदीप कटारिया को बाटा ब्रांड्स के वैश्विक सीईओ के रूप में नियुक्त किया है. यह नियुक्ति तत्काल प्रभाव से लागू हो गई है. यह कंपनी के इतिहास में पहली बार में है जब सीईओ के तौर पर किसी भारतीय को नियुक्त किया गया है. कटारिया ने एलेक्सिस नासार्ड का स्थान लिया है. नासार्ड पिछले पांच साल से बाटा के सीईओ के तौर पर कार्यरत थे. कटारिया बाटा इंडिया में जाने से पहले वोडाफोन इंडिया में चीफ कॉमर्शियल ऑफिसर थे।


तीन साल पहले Bata India के प्रमुख  


कटारिया को बाटा के भारतीय कारोबार के प्रमुख के तौर पर तीन साल पहले प्रभार दिया गया था. कंपनी ने तीन साल पहले उन्हें 1 अगस्त को कंट्री मैनेजर नियुक्त किया था. इसके बाद उन्हें पूर्णकालिक निदेशक और सीईओ-इंडिया के तौर पर बाटा इंडिया लिमिटेड के बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स में शामिल किया था और उनकी यह नियक्ति 14 नंवबर 2017 को प्रभावी हो गई थी. कटारिया की अगुवाई में बाटा इंडिया की बिक्री में बढ़ोतरी हुई.


IIT दिल्ली, XLRI जमशेदपुर एलुमनी हैं कटारिया  


कटारिया ने अपनी पढ़ाई XLRI जमशेदपुर और आईआईटी दिल्ली से पूरी की है. उन्होंने यूम रेस्टोरेंट्स में जनरल मैनेजमेंट और सेल्स व मार्केटिंग के शीर्ष पदभार संभाले हैं. यूम रेस्टोरेंट्स भारत और यूरोप में केएफसी, पिज्जा हट और टेको बैल चेन की ओनर है.


17 वर्षों तक यूनीलीवर में कार्यरत  


उन्होंने सबसे अधिक समय तक यूनीलीवर में काम किया है. वह इस कंज्यूमर्स गुड्स कंपनी में 17 साल तक रहे. यहां उनकी जिम्मेदारी भारतीय और वैश्विक बाजार में होम एंड पर्सनल केयर कैटेगरी के उत्पादों के लिए बाजार तैयार करना और उनका प्रबंधन करना था. उनके पास करीब ढाई दशक का अनुभव है.


126 साल शुरुआत हुई थी Bata की  


बाटा कॉर्पोरेशन मूल रूप से चेक रिपब्लिक और स्लोवाकिया की कंपनी है. इसकी स्थापना 126 साल पहले 27 अगस्त 1894 को थॉमस बाटा ने किया था. इसका मुख्यालय इस समय स्विटजरलैंड के लौसाने में है. इस समय बाटा शू के दुनिया के 18 देशों में 5300 से अधिक शॉप्स हैं.


वैश्विक कंपनियों के भारतीय प्रमुख  


संदीप कटारिया के बाटा के सीईओ बनने के बाद वह उन भारतीयों की सूची में शामिल हो गए जो वैश्विक कंपनियों में प्रमुख पद संभाल रहे हैं। इस सूची में माइक्रोसॉफ्ट के सीईओ सत्या नडेला, अल्फाबेट के सुंदर पिचाई, मास्टरकार्ड के अजय बंगा, आईबीएम के अरविंद कृष्णा और नोवार्तिस के वसंत नरसिम्हन है।



डिस्क्लेमर: यह लेख केवल शैक्षिक उद्देश्य से लिखा गया है। किसी भी प्रकार इन्वेस्टमेंट करने से पहले आप अपने एडवाइजर से अवश्य परामर्श लें या उस से सम्बंधित दश्तावेज़ों का अध्यन अवश्य करें। हम आपके किसी भी फायदा या नुक्सान के लिए जिम्मेदार नहीं माने जायेंगे।

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