Kumbh 2021 somwati amavasya shaahi snaan
कुम्भ 2021

कुम्भ 2021 अपडेट- आज 12 अप्रेल को है सोमवती अमावस्या का शाही स्नान

कोरोना काल के चलते हरिद्वार में श्रद्धालुओं के शाही स्नान की धूम लगातार बनी हुई है। देश- विदेश से श्रद्धालुओं का अखाड़ा लागातार मां गंगा में डुबकी लगाकर पुण्य के भागीदार बन रहे हैं। अप्रैल मास में होने वाला कुंभ का दूसरा शाही स्नान अपनी तैयारियों के अंतिम पड़ाव पर है। क्रमानुसार 12 अप्रैल को  कुंभ का दूसरा शाही स्नान सोमवती अमावस्या के  शुभ मुहूर्त पर होने जा रहा है।


अप्रैल माह में कुंभ के तीन शाही स्नान होने जा रहे हैं जिसमें सोमवती अमावस्या अर्थात 12 अप्रैल को क्रमानुसार दूसरा, 14 अप्रैल को तीसरा और 27 अप्रैल को चौथा शाही स्नान होगा।


कुंभ के शाही स्नान के लिए मां गंगा के पावन तट पर श्रद्धालुओं का जमावड़ा लगा हुआ है अपनी अद्भुत छटा के बीच क्रमानुसार हरिद्वार कुंभ का दूसरा शाही स्नान आज 12 अप्रैल को होने जा रहा है। कोरोना के बढ़ते संक्रमण के कारण पुलिस प्रशासन ने सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम का दावा किया है। कुंभ के कई स्थलों पर कई तरह की पाबंदियां भी लगाई गई है। कोविड गाइडलाइन को फॉलो करते हुए कुंभ के शाही स्नान में 151 आचार्यों द्वारा पहले ही शंखनाद किया जा चुका है कहा जा रहा है कि 12 अप्रैल को सोमवती अमावस्या के शिव अमृत योग पर कुंभ का दूसरा शाही स्नान किया जा रहा है।


क्या है सोमवती अमावस्या की मान्यता?


सोमवती अमावस्या के शुभ मुहूर्त पर गंगा स्नान का विशेष महत्व है कहा जाता है कि चंद्रमा को जल /शीतलता का कारक माना जाता है। जल की प्राप्ति और सोमवती को अमावस्य पर अमृत माना जाता है इसलिए सोमवती अमावस्या पर शाही स्नान का महत्व और भी अधिक बढ़ जाता है।


"निरंजनी अखाड़े" से लेकर "निर्मल अखाड़े" तक का होगा शाही स्नान


जमीन से आसमान तक की निगरानी के बीच आज कुंभ के दूसरे शाही स्नान में सबसे पहले निरंजनी अखाड़े के संतों का शाही स्नान हर की पैड़ी पर होगा। इसके बाद ब्रह्मकुंड पर अखाड़ों के संत क्रमवार शाही स्नान करेंगे। जूना अग्नि और आह्वान अखाड़ा 8:30 बजे अपने शाही स्नान के लिए शंकराचार्य चौराहे से ब्रह्मकुंड में पहुंचकर स्नान करेंगे। इसके बाद महानिर्वाणी अखाड़ा, श्री निर्माणी, दिगंबर और निर्मोही अखाड़ा, श्री पंचायती अखाड़ा और बड़ा उदासीन अखाड़ा तथा नया उदासीन अखाड़ा के संत और अंत में निर्मल अखाड़े का शाही स्नान ब्रह्मकुंड में देखने को मिलेगा। किन्नर अखाड़े के साथ जूना अखाड़े का शाही स्नान भी तीन आणियों में देखने को मिलेगा।


नेपाल के राजा "ज्ञानेंद्र वीर विक्रम सिंह शाह" लगाएंगे डुबकी


सोमवती अमावस्या के शुभ मुहूर्त पर नेपाल के अंतिम राजा ज्ञानेंद्र वीर सिंह शाह "शाही" अंदाज में कुंभ में शामिल होकर शाही स्नान की डुबकी लगाएंगे और साधु संतों के साथ शाही स्नान का हिस्सा बनकर हरिद्वार कुंभ में भक्ति का आनंद लेंगे। जानकारी के मुताबिक नेपाल के राजा ज्ञानेंद्र शाह सुबह 9:00 बजे हरिद्वार पहुंचकर दक्षिण काली मंदिर के दर्शन करेंगे।

निरंजनी अखाड़े के संतों द्वारा भव्य स्वागत के बीच नेपाल के राजा ज्ञानेंद्र वीर विक्रम सिंह 12 अप्रैल को होने वाले साईं स्नान का हिस्सा बनने जा रहे हैं। पंचायती अखाड़ा और श्री निरंजनी अखाड़े के संतों से मुलाकात कर शाह दक्षिण काली मंदिर की पूजा अर्चना में शामिल हो रहे हैं। निरंजनी पीठाधीश्वर का कहना है कि 12 अप्रैल को ज्ञानेंद्र वीर विक्रम शाह शाही स्नान कर देहरादून रवाना होंगे।


आम श्रद्धालु नहीं लगा पाएंगे डुबकी


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सूत्रों के मुताबिक 12 अप्रैल को होने वाले इस दूसरे शाही स्नान में आम श्रद्धालु हर की पैड़ी के घाटों पर डुबकी नहीं लगा पाएंगे अर्थात हर की पैड़ी पर डुबकी लगाने का मौका केवल संतों के लिए दिया जाएगा। देश-विदेश से आने वाले श्रद्धालुओं को पार्किंग स्थलों के बीच बने घाटों पर ही शाही स्नान करवा दिया जाएगा।


कोविड गाइडलाइंस फॉलो करने की अनिवार्यता


कोरोना की दूसरी लहर को देखते हुए केंद्र और राज्य सरकारों ने कोविड-19 के दिशानिर्देशों के प्रति और भी सख्त रुख कर दिया है। उत्तराखंड में कोविड- 19 के मामलों में लगातार वृद्धि देखने को मिल रही है जिसके चलते पर्याप्त व्यवस्थाएं और पुख्ता इंतजाम  के साथ श्रद्धालुओं को कोविड-19 गाइडलाइन को फॉलो करते हुए कुंभ के स्नान का हिस्सा बनने दिया जाएगा। हरिद्वार मुख्य चिकित्सा अधिकारी और पुलिस प्रशासन के मुताबिक गंगा तट पर हो रहे मुख्य स्नान पर्वों पर ज्यादा भीड़ जुटने की उम्मीदों को नियंत्रित किया जाएगा। स्नान स्थलों पर कोविड-19 के दिशा निर्देशों का पालन करना अनिवार्य होगा। श्रद्धालुओं को स्नान में शामिल होने से पहले कोविड-19 की नेगेटिव रिपोर्ट लानी अनिवार्य होगी। कुंभ के आयोजन में 30 स्थानों पर कोविड-19 के लिए RTPCR के जांच केंद्र बनाए गए हैं श्रद्धालु इन केंद्रों से भी अपनी जांच करवा सकते हैं।

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